जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला शनिवार को किश्तवाड़ जिले के आपदा प्रभावित चोसिटी गांव का दौरा करेंगे और क्षेत्र में हुए नुकसान का आकलन करेंगे. किश्तवाड़ के इस पहाड़ी गांव में गुरुवार को बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई, जिसमें दो सीआईएसएफ कर्मियों सहित कम से कम 65 लोग मारे गए और कई अन्य के मलबे में दबने की आशंका है.
बचावकर्मियों ने मलबे के ढेर से अब तक 167 लोगों को जिंदा बाहर निकाला है. अधिकारियों ने बताया कि इनमें से 38 की हालत गंभीर है. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक्स पर कहा, 'मैं आज दोपहर बाद किश्तवाड़ के लिए रवाना हो जाऊंगा और कल सुबह उस जगह पहुंचूंगा जहां बादल फटने के कारण फ्लैश फ्लड आया, ताकि नुकसान की गंभीरता का प्रत्यक्ष निरीक्षण कर सकूं.' आपदाग्रस्त चोसिटी, मचैल माता मंदिर के रास्ते में आखिरी मोटरेबल गांव था.
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उन्होंने आगे कहा कि वह बचाव अभियान की समीक्षा करेंगे और आकलन करेंगे कि आगे किस प्रकार की सहायता की आवश्यकता है. माता चंडी मंदिर के मचैल माता यात्रा मार्ग पर अचानक आई बाढ़ के बाद सैकड़ों लोग लापता हैं. वार्षिक मचैल माता यात्रा के लिए चोसिटी में बड़ी संख्या में लोग, जिनमें ज्यादातर श्रद्धालु थे, जमा हुए थे. अधिकारियों का कहना है कि हताहतों की संख्या बढ़ सकती है.
फंसे हुए लोगों की सही संख्या अभी तक पता नहीं चल पाई है, क्योंकि आपदा स्थल से आगे संचार और संपर्क टूट गया है. अधिकारियों के मुताबिक प्रभावित क्षेत्र के आगे के दो गांवों में भी लोग फंसे हुए हैं और बिजली आपूर्ति ठप होने से उनके मोबाइल फोन ठप हो गए हैं. भाजपा नेता सुनील शर्मा दावा किया कि घटनास्थल पर लगभग 1,200 लोग मौजूद थे. यात्रा के लिए बनाए गए अस्थायी शिविरों और दुकानों के अलावा, चोसिटी और निचले इलाकों में अचानक आई बाढ़ से कम से कम 16 आवासीय मकान और सरकारी इमारतें, तीन मंदिर, चार पनचक्की, 30 मीटर लंबा एक पुल और एक दर्जन से अधिक वाहन क्षतिग्रस्त हो गए.