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कर्नाटक के शिक्षण संस्थानों में हिजाब विवाद पर उलझा मामला, सुप्रीम कोर्ट के दोनों जजों की राय अलग-अलग, जारी रहेगा बैन

संजय शर्मा | नई दिल्ली | 13 अक्टूबर 2022, 11:59 AM IST

सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला उन याचिकाओं पर आया जिसमें कर्नाटक हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें HC ने शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर बैन के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने 10 दिन की मैराथन सुनवाई के बाद 22 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था.

सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच करेगी हिजाब विवाद पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच करेगी हिजाब विवाद पर सुनवाई

Karnataka hijab row: कर्नाटक के चर्चित हिजाब विवाद पर अब सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच सुनवाई करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इस मामले में अपना फैसला सुनाया. हालांकि, बेंच में शामिल दोनों जज जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया ने अलग अलग फैसला सुनाया. जहां जस्टिस हेमंत गुप्ता ने हिजाब बैन के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज करते हुए हिजाब पर प्रतिबंध को सही माना. वहीं जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कर्नाटक हाईकोर्ट के बैन जारी रखने के आदेश को रद्द कर दिया. सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला उन याचिकाओं पर आया जिसमें कर्नाटक हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें HC ने शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर बैन के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने 10 दिन की मैराथन सुनवाई के बाद 22 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था.

11:00 AM (3 वर्ष पहले)

अभी हाईकोर्ट का फैसला रहेगा लागू

Posted by :- Prabhanjan Bhaduria

अभी हाई कोर्ट का फैसला लागू रहेगा क्योंकि एक जज ने याचिका को खारिज किया है और दूसरे ने हाईकोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया. अब हाई कोर्ट का फैसला तब तक जारी रहेगा जब तक किसी बड़े बेंच का फैसला नहीं आ जाता है. 

10:45 AM (3 वर्ष पहले)

बड़ी बेंच में भेजा गया मामला

Posted by :- Prabhanjan Bhaduria

कर्नाटक में शिक्षण संस्थानों में हिजाब बैन के खिलाफ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है. हालांकि, बेंच में शामिल दोनों जजों की राय अलग अलग है. जहां जस्टिस हेमंत गुप्ता ने हिजाब बैन को सही ठहराया है. वहीं जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कर्नाटक हाईकोर्ट के बैन जारी रखने के आदेश को रद्द कर दिया. जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कहा कि हिजाब पहनना पसंद का मामला है. उन्होंने कहा कि लड़कियों की शिक्षा बहुत अहम है. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में. उन्होंने कहा, मैं कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश को खारिज करते हुए सभी अपीलों को अनुमति दी जाए. ऐसे में अब इस मामले को बड़ी बेंच में भेजा गया है. 

10:41 AM (3 वर्ष पहले)

जस्टिस हेमंत गुप्ता ने हिजाब पर प्रतिबंध को सही माना

Posted by :- Prabhanjan Bhaduria

जस्टिस हेमंत गुप्ता ने अपना फैसला सुना दिया है. उन्होंने हिजाब बैन के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया है. यानी हिजाब पर प्रतिबंध को सही माना है. 

10:39 AM (3 वर्ष पहले)

हिजाब पर दोनों जजों की राय अलग अलग

Posted by :- Prabhanjan Bhaduria

कर्नाटक के शिक्षण संस्थानों में हिजाब विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है. हालांकि, दोनों जजों की राय अलग अलग है. 

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10:34 AM (3 वर्ष पहले)

SC का फैसला थोड़ी देर में

Posted by :- Prabhanjan Bhaduria

सुप्रीम कोर्ट ने 10.30 बजे इस मामले को लिस्टेड किया है. दोनों जज कोर्ट रूम में पहुंच गए हैं. सॉलिसिटर जनरल भी यहां मौजूद हैं. यानी अब से किसी भी वक्त सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ सकता है. 

10:23 AM (3 वर्ष पहले)

हिजाब के नाम पर महिलाओं को सजा दी गई- अनिल विज

Posted by :- Prabhanjan Bhaduria

इसी बीच हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने हिजाब को लेकर बयान दिया है. अनिल विज ने कहा कि जिन पुरुषों का महिलाओ को देखकर मन मचलता था उन्होंने ही महिलाओं को हिजाब डालने के लिए मजबूर किया. आवश्यकता तो अपने मन को मजबूत करने की थी लेकिन सजा महिलाओं को दी गई उनको सिर से लेकर पांव तक डाक दिया. यह सरासर नाइंसाफी है. पुरुष अपना मन मजबूत करें और महिलाओ को हिजाब से मुक्ति दें. 
 

9:08 AM (3 वर्ष पहले)

कर्नाटक सरकार ने SC में दिए ये तर्क

Posted by :- Prabhanjan Bhaduria

एक तर्क ये भी रखा गया कि हिजाब पहनने या ना पहनने से कोई महिला कम इस्लामी नहीं हो जाती है. सुनवाई के दौरान फ्रांस का उदाहरण देते हुए कहा गया था कि वहां पर हिजाब पर प्रतिबंध लगाया गया है, लेकिन उस प्रतिबंध से वहां की महिलाएं कम इस्लामी नहीं हो जाती हैं. इसी तरह ईरान में महिलाएं इस समय हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं, वे हिजाब नहीं पहनना चाहती हैं. इसी वजह से स्कूलों में यूनिफॉर्म की संस्कृति चलती है, ये समानता और एकरूपता के लिए बनाई गई है.
 

9:07 AM (3 वर्ष पहले)

कर्नाटक सरकार ने क्या कहा? 

Posted by :- Prabhanjan Bhaduria

उधर, कर्नाटक सरकार की ओर से पेश वकीलों ने तर्क दिया कि कर्नाटक सरकार का वह आदेश, जिसे लेकर विवाद खड़ा किया जा रहा वह धर्म तटस्थ है. पूरी सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के वकील ने PFI की भूमिका को लेकर भी कई सवाल दागे थे. आरोप लगाया गया था कि इस पूरे मामले में छात्राओं को भड़काने का काम PFI ने किया. उसी की तरफ से सोशल मीडिया के जरिए छात्राओं से हिजाब पहनने की अपील की गई थी. स्कूलों में हिजाब पहनकर जाने की बात कही गई थी. इससे पहले तक कर्नाटक के स्कूलों में हिजाब को लेकर कोई विवाद नहीं था. 

9:06 AM (3 वर्ष पहले)

SC में याचिकाकर्ताओं का क्या है तर्क?

Posted by :- Prabhanjan Bhaduria

 सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकीलों ने कहा कि मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनने से रोकने से उनकी शिक्षा खतरे में पड़ जाएगी क्योंकि इस फैसले के चलते वे कक्षाओं में शामिल होना बंद कर देंगी. इतना ही नहीं वकीलों ने राज्य सरकार के 5 फरवरी, 2022 के उस आदेश पर भी सवाल उठाए थे, जिसमें स्कूलों और कॉलेजों में समानता, अखंडता और सार्वजनिक व्यवस्था का हवाला देते हुए हिजाब पर प्रतिबंध लगाया गया था. कुछ वकीलों ने इस मामले को 5 जजों की बेंच को सौंपने की भी मांग की थी. 

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9:05 AM (3 वर्ष पहले)

हाईकोर्ट पहुंचा मामला

Posted by :- Prabhanjan Bhaduria

इसके बाद कुछ छात्राओं ने कर्नाटक सरकार के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया था. कर्नाटक हाईकोर्ट ने 15 मार्च को उडुप्पी के सरकारी प्री यूनिवर्सिटी गर्ल कॉलेज की मुस्लिम छात्राओं की उन याचिकाओं को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने क्लास में हिजाब पहनने की इजाजत मांगी थी. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है. इस फैसले को कई छात्राओं ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.  

9:04 AM (3 वर्ष पहले)

क्या है मामला?

Posted by :- Prabhanjan Bhaduria

कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद दिसंबर 2021 और जनवरी में शुरू हुआ था. कर्नाटक के उडुपी में एक सरकारी कॉलेज में 6 छात्राओं ने हिजाब पहनकर कॉलेज में एंट्री ली थी. कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मना किया था, लेकिन वे फिर भी पहनकर आ गई थीं. इसके बाद लड़कियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कॉलेज प्रशासन के खिलाफ विरोध दर्ज किया था. इसके बाद कर्नाटक से लेकर पूरे देशभर में हिजाब को लेकर विवाद शुरू हुआ. स्कूलों में हिजाब के समर्थन और विरोध में प्रदर्शन किए गए. इसी बीच 5 फरवरी को कर्नाटक सरकार ने स्कूल- कॉलेज में यूनिफॉर्म को अनिवार्य करने का फैसला किया था. इसके तहत सरकारी स्कूल और कॉलेज में तो तय यूनिफॉर्म पहनी ही जाएगी, प्राइवेट स्कूल भी अपनी खुद की एक यूनिफॉर्म चुन सकते हैं. लेकिन

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