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PM Modi Security Breach: एयरफोर्स की लॉग बुक भी खंगालेगी जस्टिस मल्होत्रा कमेटी!

PM Modi Security Breach: लॉग बुक से पता चलेगा कि भारतीय वायुसेना ने प्रधानमंत्री की हेलीकॉप्टर उड़ान को मंजूरी कब दी थी और क्यों मना किया गया? जिसकी वजह से प्रधानमंत्री को सड़क मार्ग से जाना पड़ा.

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5 जनवरी को पंजाब के फिरोजपुर में PM की सुरक्षा में सेंध लग गई थी. (फाइल फोटो)
5 जनवरी को पंजाब के फिरोजपुर में PM की सुरक्षा में सेंध लग गई थी. (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 5 जनवरी को लगी थी पीएम की सुरक्षा में सेंध
  • पंजाब के फिरोजपुर में सभा को संबोधित करने जा रहे थे

पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक की जांच को लेकर बनी 5 सदस्यीय कमेटी ने अपना जांच अभियान शुरू कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जज जस्टिस इंदु मल्होत्रा की अगुआई में यह कमेटी बनाई गई है. सूत्रों के मुताबिक, जांच कमेटी इंडियन एयरफोर्स की वह लॉग बुक भी देखेगी, जिसमें प्रधानमंत्री के हेलीकॉप्टर के बठिंडा से रैली स्थल तक उड़ान भरने की मंजूरी को लेकर ब्यौरा दर्ज है. उससे यह पता चलेगा कि भारतीय वायुसेना ने प्रधानमंत्री की हेलीकॉप्टर उड़ान को मंजूरी कब दी थी और क्यों मना किया गया? जिसकी वजह से प्रधानमंत्री को सड़क मार्ग से जाना पड़ा.

इस लॉग बुक से यह खुलासा होगा कि प्रधानमंत्री को सड़क मार्ग से रैली स्थल तक ले जाने का आधार वायुसेना का तथ्य आधारित परामर्श था या एसपीजी का अपना विचार था. लॉगबुक और ब्लूबुक के मिलान से कई खुलासे होंगे. सभी संभावनाओं और सुरक्षा कड़ियों के साथ राज्य के सुरक्षा तंत्र की भूमिका का भी पता चलेगा. एसपीजी की ब्लू बुक में दर्ज नियमों के मुताबिक यह सभी उपाय किए गए थे या उनमें किस समय, किस आधार पर और किसकी मंजूरी से बदलाव हुए. सभी तथ्यों का खुलासा जांच से होगा.  

एनआईए के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, यह भी जांच का आधार होगा कि किस अधिकारी ने प्रधानमंत्री को सड़क मार्ग से जाने की योजना को मंजूरी दी. कमेटी की जांच कसौटियों में ये भी है कि सुरक्षा में चूक के पीछे कोई अपराधिक साजिश थी क्या? यानी एसपीजी या पंजाब पुलिस की भूमिका पर भी गहन छानबीन होगी. इसके अलावा खुफिया ब्यूरो यानी आईबी और अन्य गुप्तचर एजेंसियों से मिले इनपुट को भी कमेटी इस आधार पर खंगालेगी कि किसने कब, कैसे, क्या-क्या इनपुट दिए?
  
जांच से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, आईबी का दावा है कि उसकी टीम ने सभी इनपुट समय रहते पंजाब सरकार से शेयर किए थे कि रास्ते में किसी तरह का विरोध या प्रदर्शन हो सकता है. आईबी ने पंजाब सरकार को यहां तक आगाह किया था कि प्रतिबंधित सिख संगठन सिख फॉर जस्टिस के लोग अपने नेता गुरपतवंत सिंह के इशारों पर गांवों में सिख युवाओं को भड़काने के साथ साथ नकदी धन भी दे रहे हैं. 

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एजेंसी ने सरकार को इन इनपुट्स के आधार पर विशेष निगाह रखने और सतर्कता से कार्रवाई करने को भी आगाह किया था. पंजाब सरकार को तो आईबी ने यह भी कहा था कि पीएम का कार्यक्रम पाकिस्तान सरहद से बिलकुल करीब है. लिहाजा अधिक सतर्कता और संवेदनशीलता बरतने की सख्त जरूरत है.

 

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