गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी को असम पुलिस ने गिरफ्तार किया था. जिग्नेश मेवाणी को अब जमानत मिल गई है. जिग्नेश मेवाणी को असम के कोकराझाड़ की कोर्ट ने जमानत दे दी है. जिग्नेश मेवाणी की ओर से दायर जमानत याचिका पर सोमवार यानी 25 अप्रैल को अपना फैसला सुनाया. कोकराझाड़ की कोर्ट ने जिग्नेश मेवाणी को जमानत दे दी.
जानकारी के मुताबिक गुजरात के बड़े दलित चेहरे जिग्नेश मेवाणी के वकील ने कोकराझाड़ की अदालत में जमानत याचिका दाखिल की थी. अभियोजन पक्ष ने जिग्नेश मेवाणी को जमानत दिए जाने का कोर्ट में विरोध किया. अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष के बीच चली बहस के बाद कोर्ट ने जिग्नेश मेवाणी की जमानत मंजूर कर ली.
जमानत मिलने के तुरंत बाद ही असम पुलिस ने जिग्नेश को फिर से गिरफ्तार कर लिया है. असम पुलिस ने जिग्नेश मेवाणी को दूसरे थाने में दर्ज मामले में गिरफ्तार कर लिया है. जिग्नेश मेवाणी पर एक महिला पुलिसकर्मी ने एस्कॉर्ट करने के दौरान छेड़छाड़ करने और गाली देने के आरोप में मामला दर्ज कराया था. जिग्नेश को पीएम के खिलाफ ट्वीट के मामले में जमानत मिली तो अब वे महिला पुलिसकर्मी से छेड़छाड़ के मामले में गिरफ्तार हो गए हैं.
गौरतलब है कि 21 अप्रैल की देर रात असम पुलिस की टीम ने गुजरात की वडगाम विधानसभा सीट से विधायक जिग्नेश मेवाणी को पालनपुर सर्किट हाउस से गिरफ्तार कर लिया था. जिग्नेश मेवाणी को गिरफ्तार करने के बाद असम पुलिस सड़क मार्ग से अहमदाबाद ले गई थी और अहमदाबाद से मेवानी को असम ले जाया गया था.
बता दें कि जिग्नेश मेवाणी के खिलाफ असम में शिकायत दर्ज हुई थी जिसके बाद वहां की पुलिस ने मेवाणी को गिरफ्तार किया. जिग्नेश के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 (बी) समेत अन्य धाराएं लगाई गई हैं. जिग्नेश मेवाणी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को लेकर तल्ख टिप्पणी की थी. मेवाणी ने पीएम मोदी के गुजरात दौरे से ठीक पहले ट्वीट कर दंगों को लेकर भी कुछ बयान देने की मांग की थी.