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75 दिन की खोज...आर्मी-नौसेना का ज्वाइंट ऑपरेशन, कैप्टन जयंत जोशी का शव मिला

बता दें कि तीन अगस्त को सेना का ध्रुव एएलएच मार्क-4 हेलीकॉप्टर पठानकोट के मामून से उड़ान भरा था. उस हेलीकॉप्टर में सेना के दो अधिकारी मौजूद थे. एक थे लेफ्टिनेंट कर्नल एएस बाथ और दूसरे थे कैप्टन जयंत जोशी.

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75 दिन बाद कैप्टन जयंत जोशी का शव मिला
75 दिन बाद कैप्टन जयंत जोशी का शव मिला
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 75 दिन बाद कैप्टन जयंत जोशी का शव मिला
  • सेना का ध्रुव एएलएच मार्क-4 हेलीकॉप्टर हुआ था हादसे का शिकार

तीन अगस्त को सेना का ध्रुव एएलएच मार्क-4 हेलीकॉप्टर रणजीत सागर बांध में जा गिरा था. इस घटना में दोनों लेफ्टिनेंट कर्नल एएस बाथ और कैप्टन जयंत जोशी की मौत हो गई थी.

अब सेना को 15 अगस्त को एएस बाथ का शव तो मिल गया था लेकिन जयंत जोशी लापता रहे. अब 75 दिन की तगड़ी तलाशी के बाद, दोनों सेना और नौसेना के संयुक्त प्रयास से कैप्टन जयंत जोशी के शव को भी ढूंढ निकाल लिया गया है.

75 दिन बाद कैप्टन जयंत जोशी का शव मिला

बता दें कि तीन अगस्त को सेना का ध्रुव एएलएच मार्क-4 हेलीकॉप्टर पठानकोट के मामून से उड़ान भरा था. उस हेलीकॉप्टर में सेना के दो अधिकारी मौजूद थे. एक थे लेफ्टिनेंट कर्नल एएस बाथ और दूसरे थे कैप्टन जयंत जोशी. लेकिन बीच रास्ते में ही सेना का ये हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया और रणजीत सागर बांध में जा गिरा. सेना की तरफ से इस घटना के तुरंत बाद ही रेस्क्यू ऑपरेशन चला दिया गया था. अब घटना के 12 दिन बाद एएस बाथ का शव तो मिल गया, लेकिन जयंत जोशी लापता रहे.

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कैसे चला था रेस्क्यू ऑपरेशन?

इसी वजह से बीच में इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना की भी मदद ली गई थी. ऐसे उपकरणों का इस्तेमाल हुआ था जिस वजह से  80 से 100 फीट की गहराई तक किसी की भी खोज की जा सकती थी. लेकिन उन उपकरणों के बावजूद भी जयंत जोशी का कोई पता नहीं लग रहा था. हर प्रयास फेल साबित हो रहा था.

लेकिन क्योंकि रेस्क्यू ऑपरेशन को जारी रखा गया और उम्मीद नहीं हारी गई, ऐसे में नामुमकिन सा दिखने वाला काम भी सफल हो गया. सेना को पूरे 75 दिन बाद कैप्टन जयंत जोशी का शव मिल गया है. अब रेस्क्यू ऑपरेशन को बंद कर दिया गया है और जयंत के शव को परिवार को सौंपने की तैयारी है.

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