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जम्मू-कश्मीर में टूटी आतंकवाद की कमर, अब घाटी में रह गए 50 आतंकी

जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक आंतरिक आकलन में स्थानीय आतंकवादियों की संख्या 29 बताई गई है. इसके अलावा घाटी में वर्तमान में 20-24 विदेशी आतंकी हैं. केंद्रीय एजेंसियों के मुताबिक, 30-35 आतंकी स्थानीय हैं और बाकी विदेशी आतंकी हैं. 

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जम्मू-कश्मीर में टूटी आतंकवाद की कमर (फाइल फोटो)
जम्मू-कश्मीर में टूटी आतंकवाद की कमर (फाइल फोटो)

जम्मू-कश्मीर में एक्टिव आतंकियों की संख्या अबतक सबसे कम है. डीजीपी ने इंडिया टुडे को बताया कि इस समय घाटी में सक्रिय आतंकियों की संख्या 50 के आसपास है. जबसे धारा 370 हटाई गई है तबसे इस बात पर जोर दिया जा रहा था कि आतंकवाद खत्म हो रहा है, हालांकि अबतक खत्म नहीं हुआ है.  

घाटी में आतंकवाद शुरू होने के बाद पहली बार ऑपरेशन में आतंकियों की संख्या 70 से कम हो गई है. जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक आंतरिक आकलन में स्थानीय आतंकवादियों की संख्या 29 बताई गई है, जिनमें से केवल तीन को पुराने समय के आतंकवादी कहा जाता है. इनमें फारूक अहमद भट उर्फ ​​नाली (एचएम के ऑपरेशन कमांडर), जावेद अहमद मट्टू और रियाज अहमद उर्फ ​​शेतारी शामिल हैं.  

इसके अलावा घाटी में वर्तमान में 20-24 विदेशी आतंकी हैं. केंद्रीय एजेंसियों के मुताबिक, 30-35 आतंकी स्थानीय हैं और बाकी विदेशी आतंकी हैं. 

डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया कि हमने चारों तरफ से आतंक के इको सिस्टम को घेर लिया है. चाहे वह पत्थरबाजों पर कार्रवाई हो या अलगाववादी, फाइनेंसरों पर कार्रवाई हो या सीमा पार से ड्रोन के जरिए आने वाले हथियारों को जब्त करना हो. पुलिस और सुरक्षाबलों ने काफी हद तक आतंकवाद पर काबू पाने में कामयाबी हासिल की है. जहां साल 2017 से जब आतंकियों की संख्या 350 थी, वही अब उनकी संख्या दो अंकों में आ गई है. 

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घाटी में आतंकी रैंक में नहीं: IG 

कश्मीर के आईजी ने कहा कि अब आतंकी रैंकों में नहीं हैं. युवाओं को आतंकवाद में शामिल होने से रोका जा रहा है. कुछ मामलों में माता-पिता समय पर पुलिस को सूचित करने में जल्दबाजी करते हैं, गुमराह युवाओं को वापस लाने में मदद करते हैं. 

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की कमर टूटी

सुरक्षा बलों का मानना ​​है कि साल के आखिरी में जम्मू-कश्मीर में 25 के आसपास आतंकी बचे रह जाएंगे. हालांकि खुफिया एजेंसियों का मानना ​​है कि सीमा पार से आतंकियों की घुसपैठ के आधार पर संख्या घट या बढ़ भी सकती है, लेकिन जम्मू-कश्मीर पुलिस को भरोसा है कि आतंकवाद की कमर टूट चुकी है. 

 

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