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राजस्थानः बीजेपी का आरोप- पुलिस के बल पर पार्षदों को धमकाया जा रहा है

राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने इन निर्दलीय पार्षदों को पहले पैसों और भूखंड आवंटन का लालच दिया, लेकिन जब यह नहीं माने तो उन्हें आपराधिक मामलों में फंसाने की धमकियां दी जाने लगीं. इन हालातों को देखते हुए यह निर्दलीय पार्षद स्वेच्छा से बीजेपी को समर्थन देते हुए सुरक्षित स्थान पर चले गए.

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राजेंद्र राठौड़ ने कांग्रेस पर लगाए आरोप (फाइल-ट्विटर)
राजेंद्र राठौड़ ने कांग्रेस पर लगाए आरोप (फाइल-ट्विटर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 'बोर्ड बनाने के लिए सत्ता का दुरुपयोग कर रही कांग्रेस'
  • 'पार्षदों को पैसों, भूखंड का लालच दिया, अब धमकी दे रहे'
  • 'शांति धारीवाल के इशारे पर काम कर रही पुलिस प्रशासन'
  • निर्दलीय पार्षदों, परिजनों को धमका रही पुलिसः BJP

राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने रविवार को कांग्रेस नेताओं पर कोटा दक्षिण नगर निगम में बोर्ड बनाने के लिए सत्ता के दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है. उन्होंने आरोप लगाया कि जब पार्षद लालच के झांसे में नहीं आए तो उन्हें धमकी दी जा रही है, उनके परिजनों को परेशान किया जा रहा है.

राठौड़ ने कहा कि कोटा दक्षिण नगर निगम में येन केन प्रकारेण कांग्रेस का बोर्ड बनाने के लिए स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल के इशारे पर पुलिस प्रशासन निर्दलीय पार्षदों और उनके परिजनों पर कांग्रेस का समर्थन करने के लिए बेजा दबाव डालते हुए धमका रही है.

कांग्रेस पर गलत हथकंडा इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए राठौड़ ने कहा कि कोटा दक्षिण नगर निगम में बोर्ड बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पास अब पर्याप्त समर्थन है. चार निर्दलीय पार्षद बीजेपी के समर्थन की घोषणा भी कर चुके हैं. लेकिन यह कांग्रेस को रास नहीं आ रहा है. वे किसी भी तरह कोटा दक्षिण में कांग्रेस का बोर्ड बनाने के लिए सभी तरह के गलत हथकंडे अपना रहे हैं. 

राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने इन निर्दलीय पार्षदों को पहले पैसों और भूखंड आवंटन का लालच दिया, लेकिन जब यह नहीं माने तो उन्हें आपराधिक मामलों में फंसाने की धमकियां दी जाने लगीं. इन हालातों को देखते हुए यह निर्दलीय पार्षद स्वेच्छा से बीजेपी को समर्थन देते हुए सुरक्षित स्थान पर चले गए.

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पुलिस पर कांग्रेस की मदद करने का आरोप लगाते हुए राठौड़ ने कहा कि अब कांग्रेस नेता पुलिस का इस्तेमाल कर इन निर्दलीय पार्षदों के घर ले जाकर उनके परिजनों को धमकियां दे रहे हैं. उन्हें निर्दलीय पार्षदों के साथ किसी भी प्रकार की घटना घटित होने की बात कह कर उन पर मानसिक दबाव बनाया जा रहा है.

डरा-धमकाकर निर्दलीय पार्षदों की गुमशुदगी या बीजेपी द्वारा अपहरण कर लिए जाने की रिपोर्ट दिलवाई जा रही है. इतना ही नहीं सर्दी के मौसम में पुलिस उनके बुजुर्ग परिजनों को गाड़ी में बिठाकर इधर-उधर घुमा रही है. यह सब मंत्री शांति धारीवाल की शह पर किया जा रहा है.

कांग्रेस नंबर गेम में फंसीः राठौड़
राठौड़ ने कहा कि परिसीमन में कांग्रेस ने जो किया उसका प्रभाव सभी को दिख रहा है. एक वर्ग को तुष्टिकरण के लिए धारीवाल ने कोटा का सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की भरपूर कोशिश की है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों धारीवाल ने कोटा दक्षिण में भी कांग्रेस का ही बोर्ड बनने का दावा किया था, लेकिन निर्दलीय पार्षदों के खुलकर बीजेपी के साथ आ जाने के कारण कांग्रेस नंबर गेम में फंस गई है. 

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उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब 10 नवंबर को महापौर पद के लिए होने वाली वोटिंग के बाद खुद के नीचा देखने की नौबत आते देख कुछ भी करने को तैयार है. मंत्री धारीवाल के तेवर को देखते हुए पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी दबाव में गलत काम करने से मना नहीं कर पा रहे हैं.

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पिछले दिनों कोटा दक्षिण क्षेत्र में कार्यरत एक पुलिस उपाधीक्षक ने जब दबाव में गलत काम करने से मना किया तो उनको एपीओ कर दिया गया. ऐसे में पुलिसकर्मी वहीं कर रहे हैं जो उन्हें जयपुर से कहा जा रहा है.

वाल्मिकी समाज में रोषः राठौड़
राठौड़ ने कहा कि ऐसे हालतों को देखते हुए इस आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता कि कांग्रेस के दबाव में अधिकारी मतदान में भी धांधली करवा दें. इसके लिए उन्होंने राज्य चुनाव आयोग से पर्यवेक्षक भेजने, बीजेपी और बीजेपी का समर्थन कर रहे निर्दलीय पार्षदों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी मांग की है.

राठौड़ ने कहा कि 10 नवंबर को बीजेपी कोटा दक्षिण में बोर्ड बनाने में कामयाब होगी और विवेक राजवंशी अगले महापौर बनकर रहेंगे. साथ ही उन्होंने कांग्रेस और राज्य मंत्री धारीवाल को सलाह दी है कि वे कोटा दक्षिण की चिंता छोड़कर कोटा उत्तर पर ध्यान देते हुए कांग्रेस के पार्षदों को संभालें.

राठौड़ ने कहा कि कोटा उत्तर में महापौर को लेकर हुई लड़ाई सबके सामने आ चुकी है. धारीवाल ने नयापुरा के एक समर्पित कार्यकर्ता की बहू जो कि पूर्व में पार्षद रह चुकी हैं, को दरकिनार कर अपने बेटे की पसंद के आधार पर मंजू मेहरा को पार्षद से महापौर पद का दावेदार बना दिया. इससे वाल्मिकी समाज के लोगों में जबरदस्त रोष है.

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उपमहापौर पद के लिए भी कांग्रेस में जबरदस्त सिर फुटव्वल चल रही है. वहां नदीपार और बोरखेड़ा क्षेत्र के पार्षद ने दबाव बनाया हुआ है. जबकि तुष्टीकरण की नीति को देखते हुए उपमहापौर पद किसी अल्पसंख्यक के बनने की खबरों के बीच सामान्य वर्ग के कांग्रेसी पार्षद खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं.

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