scorecardresearch
 

LIVE: जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार में मिले हीरे जवाहरात और सोने से भरे 12 बक्से, अंदर मौजूद है ASI की टीम

मंदिर के संरक्षण की जिम्मेदारी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के पास है. एएसआई को मंदिर के आंतरिक कक्ष के अंदर संरक्षण का काम करना है, जिसके लिए कीमती सामानों को स्थानांतरित करना जरूरी है. इस तहखाने को 46 साल बाद मरम्मत के लिए खोला जा रहा है.

Advertisement
X
आज जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडा के राज सामने आ सकते हैं.
आज जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडा के राज सामने आ सकते हैं.

ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार (तहखाना) खोल दिया गया है. तहखाना खोलने की प्रक्रिया से पहले सुबह 8 बजे ही भक्तों के दर्शन करने पर रोक लगा दी गई थी. दरअसल, ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि आंतरिक कक्ष से बेशकीमती चीजों को अस्थायी स्ट्रांग रूम में ट्रांसफर किया जाना है.

बता दें कि मंदिर के संरक्षण की जिम्मेदारी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के पास है. एएसआई को मंदिर के आंतरिक कक्ष के अंदर संरक्षण का काम करना है, जिसके लिए कीमती सामानों को स्थानांतरित करना जरूरी है. इस तहखाने को 46 साल बाद मरम्मत के लिए खोला गया है. सूत्रों के मुताबिक़ हीरे जवाहरात और सोने से भरे 12 बक्से और एक अलमारी अंदर पायी गई है. अभी तक इन सामानों की इन्वेंटरी नहीं हुई है. इसे भंडार की मरम्मत के बाद किया जाएगा.

अमेरिका

किसी को प्रवेश की अनुमति नहीं

मंदिर के तहखाने में स्थित रत्न भंडार में एक बाहरी और एक आंतरिक कक्ष है. आज रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष को खोला गया है. श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के प्रमुख अरबिंद पाधी के मुताबिक सुबह 8 बजे के बाद किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं है. अब सिर्फ अधिकृत व्यक्तियों और सेवकों को ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति हैं. आज मंदिर का केवल 'सिंह द्वार' ही खुला है. हालांकि, भक्त चाहें तो भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र के दर्शन कर सकते हैं. ऐसा इसलिए, क्योंकि वर्तमान समय में तीनों ही मंदिर के बाहर अपने रथों पर हैं.

Advertisement

ये है संग्रहण का पूरा प्रोसेस

पुरी जगन्नाथ मंदिर का प्रशासन राज्य सरकार के विधि विभाग के अधीन है. मंदिर प्रशासन के मुताबिक भगवान को सालों से भक्त कीमती वस्तु दान करते आ रहे हैं. इन्हें रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष में संग्रहित किया जाता है. बाद में इन्हें मंदिर परिसर के अंदर अस्थायी स्ट्रांग रूम में ट्रांसफर कर दिया जाता है.

अमेरिका

प्रक्रिया की होगी वीडियोग्राफी

मंदिर प्रशासन का कहना है कि एएसआई को खजाने के भीतरी कक्ष से सभी वस्तुओं को हटाने के बाद ही संरक्षण कार्य करने की अनुमति है. रत्न भंडार की मरम्मत और जीर्णोद्धार पूरा होने के बाद ही सूची बनाना शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि एएसआई विशेषज्ञों को इसकी संरचनात्मक स्थिरता का जायजा लेने के लिए कुछ समय दिया गया है. इसकी वीडियोग्राफी भी की जाएगी.

एसओपी का किया गया पालन

तहखाने का ताला खोलने की पूरी प्रक्रिया राज्य सरकार द्वारा तय मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के तहत की गई. पर्यवेक्षी समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बिस्वनाथ रथ के मुताबिक विशेष समिति के सदस्य रत्न भंडार के अंदर दाखिल हो चुके हैं, टीम के लोग दोपहर 12.15 बजे तक आंतरिक कक्ष में मौजूद रहेंगे.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement