जम्मू- कश्मीर विधानसभा चुनाव की वोटिंग के बाद और नतीजे आने से एक दिन पहले पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. याचिका में मांग की गई है कि सर्वोच्च न्यायालय दो महीने में जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए केंद्र सरकार को आदेश दे.
जानें किसने दायर की है याचिका
जम्मू कश्मीर में एक कॉलेज टीचर जहूर अहमद भट और एक्टिविस्ट खुर्शीद अहमद मलिक की ओर से दायर की गई अर्जी में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने में विफलता और अनिश्चितता घाटी के नागरिकों के अधिकारों पर गंभीर प्रभाव डाल रही है. याचिका में कहा गया है कि जम्मू कश्मीर की स्थिति पर एक मामले की सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को भरोसा दिया था कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा.
लेकिन केंद्र ने जम्मू कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद गुजरे 11 महीनों में इस संबंध में कोई कदम नहीं उठाया है.
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याचिका में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल न करना संघवाद की मूल विशेषता का उल्लंघन है. याचिका में कहा गया है कि पिछले हफ्ते ही प्रदेश में विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हुए हैं. इससे पता चलता है कि राज्य का दर्जा बहाल करने में कोई बाधा नहीं है. लिहाजा जम्मू कश्मीर की आम जनता के अधिकारों और भावनाओं को देखते हुए कोर्ट आदेश पारित कर सरकार को इस बाबत उचित निर्देश दे.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में 90 विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग हुई थी. नतीजे 8 अक्तूबर को आने हैं. इस चुनाव में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस एकसाथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. दोनों ने पूर्ण राज्य की बहाली का मुद्दा उठाया है.