देश के लोकसभा चुनाव के नतीजे आए 14 दिन बात चुके हैं. 10 दिन बाद 18वीं लोकसभा का सत्र शुरू होगा. नतीजों के बाद जब विपक्ष को लगता है कि वो मजबूत हुआ है और तीसरी बार सरकार चला रहे नरेंद्र मोदी को घेर सकता है, जब विपक्ष संसद में उठाए जाने वाले मुद्दे बताने लगा है, तब विपक्ष के मजबूत हुए हाथ से बीजेपी भांप चुकी है कि अब तैयारी और मजबूत करनी होगी. तभी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे. किसान सम्मान निधि के तहत 20 हजार करोड़ रुपए किसानों के खाते में डाले, उधर दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के घर स्पीकर चुनने के मुद्दे पर रणनीति बनी.
विपक्ष जब ये दिखाने में ज्यादा जुटा है कि इस बार बीजेपी का अपने दम पर बहुमत नहीं है, तब बीजेपी मतदाता अभिनंदन यात्रा के जरिए ये बताने में जुटने जा रही है कि ऐतिहासिक रूप से तीसरी बार सरकार चलाने का मौका जनता ने नरेंद्र मोदी को ही दिया है. इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों के प्रभारी तय करके बैठक बीजेपी ने शुरू कर दी है, तो आगे जिन राज्यपालों का कार्यकाल पूरा होगा, उनकी जगह किन्हें मौका देकर सियासी संदेश देना है, इसकी भी तैयारी बीजेपी कर चुकी है. इन सबके बीच सरकार का सबसे ज्यादा जोर गांव और किसानों पर है.
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फिर मजबूती हासिल करने में जुटी बीजेपी
दरअसल, 543 की लोकसभा में जिस बीजेपी के पास पिछली बार ग्रामीण इलाके की 201 सीट थीं, अबकी बार 126 सीट ही ग्रामीण इलाके में बीजेपी जीत पाई. क्या यही वजह है कि जब प्रधानमंत्री पद की कुर्सी पर तीसरी बार नरेंद्र मोदी पहुंचे तो पहली फाइल किसान सम्मान निधि की साइन की? और जब नतीजों के 14 दिन बाद पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे तो 9.60 करोड़ किसानों को सम्मान निधि की 17वीं किस्त जारी की. 20 हजार करोड़ रुपए किसानों के खाते में डाले. शहरी क्षेत्र की कही जाने वाली पार्टी के गांव तक फैलती जमीन जो इस बार चुनावी नतीजों में सिकुड़ी तो मजबूती की राह फिर बीजेपी ने तलाशना शुरू कर दिया है.
इस बार 10 दिन देरी से संसदीय क्षेत्र पहुंचे पीएम
बता दें कि 2014 में प्रधानमंत्री नतीजों के तीन दिन बाद वाराणसी पहुंचे. 2019 में पीएम मोदी नतीजों के 4 दिन बाद वाराणसी पहुंच गए. इस बार चुनाव परिणाम के 14 दिन बाद वाराणसी पहुंचे. इसकी एक वजह ये भी हो सकती है कि इस बार बीजेपी को अपने दम पर पूर्ण बहुमत नहीं था. साथी दलों के साथ बातचीत करके मंत्रिमंडल बंटवारा करना था. इसके बाद इटली में जी-7 देशों की बैठक में जाने का न्योता भी पहले से था. लेकिन चर्चा ये रही कि इस बार काशी पहुंचने में देरी की एक वजह सरकार को लेकर गठबंधन वाला मंथन भी रहा. और इस मंथन की वजह रही सीटें घटना.
बीजेपी को ग्रामीण क्षेत्रों में हुआ नुकसान
बीजेपी की सीटें घटीं तो ग्रामीण और अर्ध शहरी क्षेत्र में. यानी रूरल और सेमी अर्बन क्षेत्र में. इस पर गौर किया जाए तो लोकसभा की 543 में से कुल 339 ग्रामीण, तो 147 सीट अर्धशहरी इलाकों की ही हैं. कुल मिलाकर ये 486 सीट होती हैं. 2019 में बीजेपी ने इन्हीं में से 268 सीट जीती थीं. लेकिन इस बार 54 सीटों का सीधा नुकसान हुआ है. इस आंकड़े को छोटा मोटा मत समझिए. क्योंकि बीजेपी इस बार पिछली बार से 63 सीट कम जीती है. और 54 सीट सीधे ग्रामीण और अर्ध शहरी इलाके से रहीं हैं.
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ग्रामीण इलाकों में पार्टी को मजबूत करने का प्लान
बताया जा रहा है कि यही वजह रही है कि इस बार अभी से बीजेपी ने उन चुनावी राज्यों में अपनी रणनीति बनाने में जुट गई है, जहां से इस बार उसे उम्मीद के मुताबिक सीट नहीं मिलीं और जहां इस वर्ष विधानसभा चुनाव भी होना है. जैसे सोमवार शाम महाराष्ट्र के कोर ग्रुप की बैठक ली गई. लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में बीजेपी और एनडीए दोनों को नुकसान हुआ है. यहां कांग्रेस, उद्दव ठाकरे, शरद पवार की पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया है. बैठक में अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और बीएल संतोष शामिल हुए. साथ ही महाराष्ट्र के चुनाव प्रभारी भूपेन्द्र यादव और सह प्रभारी अश्वनी वैष्णव शामिल हुए. इस बैठक में विधानसभा चुनावों को लेकर बैठक हुई. इसके साथ ही झारखंड और हरियाणा की भी बैठक कोर ग्रुप वाली हुई.
इस साल कई राज्यों में होने हैं विधानसभा चुनाव
अब ये समझना जरूरी है कि आखिर क्यों बीजेपी द्वारा गांव और किसान पर फोकस ज्यादा रखा जा रहा है. वजह है अभी हुए नुकसान का असर विधानसभा चुनाव पर ना आए, ये सोचकर रणनीति बनाना है. दरअसल महाराष्ट्र में 288 में से 134 विधानसभा सीट ऐसी हैं, जहां किसानों का सीधा असर है. इसी तरह हरियाणा की 90 में से 35 विधानसभा सीट का फैसला किसान करते हैं. झारखंड में 81 में से 31 सीट पर सीधा प्रभाव किसान परिवार के मतदाता रखते हैं. इन राज्यों में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं.
मतदाता अभिनंदन यात्रा निकालेगी बीजेपी
लगातार तीसरी बार नरेंद्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री बनाने के लिए बीजेपी देशभर के मतदाताओं को धन्यवाद देगी. बीजेपी मतदाताओं को आभार जताने के लिए देशभर में ‘मतदाता अभिनंदन यात्रा’ निकालेगी. इस यात्रा के जरिए बीजेपी वोटरों को केंद्र की सत्ता में बीजेपी के लगातार तीसरी बार लाने के लिए दिए गए जनसमर्थन के लिए इस यात्रा के जरिए अभिनंदन समारोह आयोजित करेगी. इस यात्रा के लिए पार्टी ने सुनील बंसल को इंचार्ज बनाया गया है. साथ ही मोदी 3.0 में बनाए गए मंत्रियों के लिए बीजेपी स्वागत समारोह आयोजित करेगी. केंद्र सरकार में बनाए गए मंत्री जिस राज्य से आते हैं, उस राज्य की बीजेपी ईकांई मंत्रियों के सम्मान में समारोह आयोजित करेगी, जिसमें मंत्रियों का अभिनंदन किया जाएगा. पीएम मोदी का भी इन मंत्रियों को मंत्रिमंडल में मौका देने के लिए आभार जताया जाएगा.