Indian Railway News: भारत मे पर्यटन क्षेत्र के विस्तार के लिये रेलवे ने प्राइवेट कंपनियों को मौका देने का फैसला किया है. रेल६वे की तरफ से कहा गया है कि जो प्राइवेट कंपनी चाहती है कि वो भारत के पर्यटन में बढ़ावा देने के लिए रेलवे का हिस्सा बने, उनका स्वागत है. रेलवे ने ये भी साफ किया है कि इस कार्य मे चुनातियों भी है इसलिए वो ही कंपनी हिस्सा बने जिनमे इस क्षेत्र में काम का अनुभव या उससे जुड़ने का जज्बा हो.
इसके लिए रेल मंत्रालय ने अपनी नीतियों को बदलने का फैसला किया है. निजी कंपनियों को ट्रेन कैसे किराये पर मिलेगी, इसके लिए विस्तृत दिशा-निर्देश बनाए जा रहे हैं. रेलवे में प्राइवेट कंपनी के काम क्या क्या होगा उसके बारे में भी जानकारी दी जाएगी जैसे पर्यटन गतिविधियों के लिए मार्केटिंग, पर्यटन से जुड़ी सेवाओं को मुहैया कराना, आम यात्रियों को कैसे इन पर्यटन ट्रेनों से जोड़ने की कोशिश की जाए.
इच्छुक कंपनियों को थीम आधारित सांस्कृतिक, धार्मिक और अन्य पर्यटक सर्किट ट्रेन के रूप में चलाने के लिए कोचिंग स्टॉक को पट्टे पर देकर जनता के बीच रेल आधारित पर्यटन का प्रसार करना होगा. इसमे प्राइवेट कंपनी द्वारा अपने अनुसार ट्रेन कोच को लीज पर लिए जा सकेगा. कोचों के लिए एकमुश्त खरीद भी की जा सकती है.
कोचों में ज्यादा फेर बदल नही किया जा सकेंगे और केवल मामूली नवीनीकरण की अनुमति होगी. लीजिंग कम से कम 5 साल की अवधि के लिए की जाएगी और कोचों के कोडल लाइफ तक बढ़ाई जा सकती है. इच्छुक पार्टी व्यवसाय मॉडल (मार्ग, यात्रा कार्यक्रम, टैरिफ इत्यादि) रेलवे के सामने प्रस्तुत करेंगे. भारतीय रेलवे हॉलेज चार्ज, नॉमिनल स्टैबलिंग चार्ज और लीज चार्ज वसूल करेगा जबकि एकमुश्त खरीद के लिए कोई लीज शुल्क नहीं होगा.
निश्चित समय के लिए ही कोच किराए पर दिए जाएंगे. संबंधित पक्ष को कम से कम उतने डिब्बे किराये पर लेने होंगे, जिससे कि एक ट्रेन तो तैयार हो ही जाए. उन्हें टूरिस्ट सर्किट का रूट, स्टॉपेज, टैरिफ आदि डिसाइड करने का अधिकार मिलेगा. ट्रेन के अंदर थर्ड पार्टी के विज्ञापन की अनुमति, ट्रेन की ब्रांडिंग की अनुमति भी होगी. विस्तृत नीति, नियम और शर्तें तैयार करने के लिए रेल मंत्रालय द्वारा एक कार्यकारी निदेशक स्तर की समिति का गठन भी किया गया है.