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भारत का रक्षा कवच होगा और मजबूत, रूस 2026 तक देगा बाकी S-400 एयर डिफेंस सिस्टम

भारत को 2026 तक S-400 वायु रक्षा प्रणाली की बची हुई सभी यूनिट मिल जाएंगी. रूस के मिशन प्रमुख रोमन बाबुश्किन ने इसकी पुष्टि की है. अब तक तीन स्क्वाड्रन भारत को मिल चुके हैं, जबकि बाकी दो की डिलीवरी तय समय पर होगी. रूस ने हालिया भारत-पाकिस्तान तनाव में S-400 की भूमिका को "प्रभावी" बताया और एंटी-ड्रोन सिस्टम समेत रक्षा सहयोग को और विस्तार देने की इच्छा भी जताई है.

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भारत को 2026 तक मिलेगा 2 और S-400
भारत को 2026 तक मिलेगा 2 और S-400

भारत-पाकिस्तान में जारी तनाव के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है. भारत को अगले साल अपने मित्र देश रूस से बाकी के बचे हुए S-400 एयर डिफेंस सिस्टम भी मिल जाएगा. रूस की तरफ से उप मिशन प्रमुख रोमन बाबुश्किन ने इसकी पुष्टि की है. बता दें कि 7-10 मई के बीच भारत और पाकिस्तान के बीच हुई जंग में S-400 एयर डिफेंस सिस्टम (सुदर्शन चक्र) ने बेहद अहम भूमिका निभाई थी.

जंग में S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की बड़ी भूमिका

S-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान के सभी मिसाइल और ड्रोन्स को हवा में ही मार गिराया था जिससे भारत को कोई भी नुकसान नहीं हुआ था. अब भारत बाकी के बचे हुए S-400 एयर डिफेंस सिस्टम को भी जल्द से जल्द हासिल करना चाहता है जिसको लेकर रूस की तरफ से कहा गया है कि भारत को 2025-26 तक S-400 वायु रक्षा प्रणाली की बची हुई सभी यूनिट सौंप दी जाएंगी. 

रूस के उप मिशन प्रमुख ने की पुष्टि

भारत में रूस के उप मिशन प्रमुख रोमन बाबुश्किन ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि हालिया भारत-पाकिस्तान तनाव के दौरान S-400 प्रणाली ने "बहुत प्रभावी ढंग से" काम किया. बाबुश्किन ने कहा, 'हमें पता चला है कि S-400 ने हालिया टकराव में काफी कुशलता से प्रदर्शन किया. हम वायु रक्षा और एंटी-ड्रोन प्रणालियों में भारत के साथ सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं.'

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उन्होंने यह भी बताया कि पांच यूनिट के लिए हुए 5.43 अरब डॉलर के समझौते में से तीन स्क्वाड्रन पहले ही भारत को सौंपे जा चुके हैं और बाकी दो समयबद्ध तरीके से 2025-26 तक भेजे जाएंगे.

भारत के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाना चाहता है रूस

बाबुश्किन ने यह भी संकेत दिया कि भारत और रूस के बीच वायु रक्षा सहयोग को और विस्तार दिया जा सकता है, विशेष रूप से ड्रोन खतरे को देखते हुए. उन्होंने कहा, 'हम इस खतरे से पिछले कुछ सालों से जूझ रहे हैं और हमारी डिफेंस प्रणालियां लगातार आधुनिक की जा रही हैं. ड्रोन के खतरे दोनों देशों के लिए साझा चिंता का विषय है.'

भारत दौरे पर आएंगे रूस के विदेश मंत्री

उन्होंने यह भी बताया कि रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की भारत यात्रा पर चर्चा चल रही है और यह जल्द ही संभव हो सकती है. बता दें कि भारत और रूस के बीच रक्षा साझेदारी लंबे समय से चली आ रही है और S-400 जैसे उच्च-तकनीकी रक्षा समझौते दोनों देशों के बीच रणनीतिक विश्वास का ही प्रतीक है.

 

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