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लद्दाख में तनाव के बीच बोले पूर्व सेनाध्यक्ष वीपी मलिक- चीन की कथनी और करनी में अंतर

पूर्व भारतीय सेनाध्यक्ष जनरल वीपी मलिक ने आजतक के साथ खास बातचीत में कहा कि पिछले 2-3 महीनों में अभी तक जो रिस्पॉन्स रहा है उसमें सैन्य लेवल पर काफी अलर्टनेस आ गई है. सैन्य स्तर पर दोनों तरफ से फोर्सेज भी ज्यादा इकट्ठी हो गई हैं. लेकिन बातचीत के मामले में चीन की कथनी और करनी में अंतर है.

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लद्दाख में तनाव के बीच दोनों ओर भारी मात्रा में फोर्स तैनात (फाइल-पीटीआई)
लद्दाख में तनाव के बीच दोनों ओर भारी मात्रा में फोर्स तैनात (फाइल-पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मलिक बोले- ज्यादा फोर्स इकट्ठी हो चुकी है दोनों तरफ
  • 'डरने की जरूरत नहीं, हमारी फौज पूरी तरह से मुस्तैद'
  • चीनी विदेश मंत्रालय ने किया घुसपैठ के दावे से इनकार

भारत और चीन के बीच एक बार फिर रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं. बातचीत का दौर जारी है, लेकिन स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. इस बीच पूर्व भारतीय सेनाध्यक्ष जनरल बीपी मलिक ने कहा है कि चीन की कथनी और करनी में अंतर है. वह बैठक में कहता कुछ है और जमीनी स्तर पर करता कुछ और है.

पूर्व भारतीय सेनाध्यक्ष जनरल वीपी मलिक ने आजतक के साथ खास बातचीत में कहा कि पिछले 2-3 महीनों में अभी तक जो रिस्पॉन्स रहा है उसमें सैन्य लेवल पर काफी अलर्टनेस आ गई है. सैन्य स्तर पर दोनों तरफ से फोर्सेज भी ज्यादा इकट्ठी हो गई हैं.

उन्होंने कहा कि हमारी और उनकी दोनों ओर से तैयारी है. डिप्लोमैटिक स्तर पर बातचीत चल रही है. चाहे वो सैन्य स्तर हो या डिप्लोमैटिक स्तर हो, दोनों तरह से बातचीत चल रही है. लेकिन अब तक जो नतीजा आ रहा है उससे चीन की कथनी और करनी में काफी फर्क नजर आया है. 

स्थिति गंभीर होती जा रहीः मलिक

चीन की हरकत के बारे में पूर्व भारतीय सेनाध्यक्ष ने कहा कि बातचीत के दौरान चीन कुछ कहता है और जमीनी स्तर पर वह कुछ और करता है. दोनों में काफी अंतर है और यह स्थिति गंभीर बनती जा रही है. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि भारत सरकार इस पर नजर बनाए हुए होगी.

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एलएसी पर फिर से बने तनाव के बीच वीपी मलिक ने कहा कि इस बार अभी डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि हमारी फौज पूरी तरह से तैयार है. 

दूसरी ओर, फिर से बने तनावपूर्ण माहौल के बीच चीनी विदेश मंत्रालय ने घुसपैठ से इनकार करते हुए कहा कि चीनी सैनिक हमेशा वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) का कड़ाई से पालन करते हैं और ऐसा कुछ भी नहीं किया है. इस ओर हमें सिर्फ विवादित क्षेत्र की ओर ही नहीं देखना चाहिए बल्कि पूरे लद्दाख पर नजर बनाए रखना चाहिए.

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