देश जब कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग में एक कदम आगे बढ़ रहा था, तभी एक नई चिंता सभी के सामने आ गई है. उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक कई राज्यों में बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं. मध्य प्रदेश में सैकड़ों की संख्या में कौवे मर गए हैं, अन्य राज्यों में भी पक्षियों में ये वायरस मिला है जिसने हर किसी की चिंता को बढ़ा दिया है.
भारत में बर्ड फ्लू का कहर पहली बार नहीं फैला है, इससे पहले भी बर्ड फ्लू ने दस्तक दी है. हालांकि, इस बार क्योंकि पहले ही कोरोना का संकट जारी है और लोग मुश्किलों में हैं, ऐसे में ये संकट चुनौतीपूर्ण हो गया है.
कैसे फैलता है बर्ड फ्लू?
बर्ड फ्लू या यूं कहें कि एवियन इन्फ्लूएंजा (H5N1) जो कि वायरस का ही एक अंश है, जो पक्षियों के जरिए फैलता है. पहले पक्षियों से पक्षियों में और फिर जब ये असर बढ़ता जाता है, तो पक्षियों से इंसानों में भी बीमारी फैल जाती है. यही कारण है कि बर्ड फ्लू को खतरनाक माना जाता है, क्योंकि पक्षी हर जगह मौजूद हैं और किसी भी बंधन से परे हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, साल 1997 में हॉन्गकान्ग में पहली बार एवियन इन्फ्लूएंजा (H5N1) पाया गया था. लेकिन, साल 2003 के बाद ये वायरस एशिया से होते हुए यूरोप और अफ्रीका में भी फैल गया. इस वायरस के कारण अबतक करोड़ों पक्षियों की जान जा चुकी है, जबकि आम इंसान भी इसका शिकार हो चुके हैं.
मुर्गीपालन एक ऐसा क्षेत्र है जिससे करोड़ों की संख्या में लोग जुड़े हैं, यही वजह है कि ये आसानी से बड़ी संख्या में लोगों में फैलता है. WHO की मानें, तो एवियन इन्फ्लूएंजा (H5N1) के भी अलग-अलग प्रकार होते हैं जो पक्षी से पक्षी, पक्षी से इंसान और फिर एक बड़े आउटब्रेक में बदल जाते हैं.
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भारत में बर्ड फ्लू?
भारत में इस साल बर्ड फ्लू ने तेजी से अपने पैर पसारे हैं और अचानक ही दस से अधिक राज्यों में इसका असर दिखने लगा है. हालांकि, अभी तक ये किसी इंसान में नहीं पाया गया है. वैसे भारत में 2006, 2008 में सबसे अधिक बर्ड फ्लू ने कहर बरपाया था. 2006 में महाराष्ट्र-गुजरात और फिर 2008 में बंगाल में इसका असर देखने को मिला था. अनुमान के मुताबिक, भारत में हर साल करीब 5 हजार से अधिक मामले बर्ड फ्लू से जुड़े सामने आते हैं.