दिल्ली पुलिस के अधिकारियों और जवानों को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कि दिल्ली पुलिस के लिए साल 2020 का समय बेहद चुनौतीपूर्ण रहा. उन्होंने कहा कि इस साल दिल्ली पुलिस के सामने अनेक चुनौतियां आईं. इनमें से उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा, कोरोना लॉकडाइन, प्रवासी मजदूरों को मदद करना यहां तक कि अभी धरने पर बैठे किसानों के साथ संवाद स्थापित करना अहम थीं, लेकिन दिल्ली पुलिस ने बेहद प्रोफेशनल तरीके से धैर्य के साथ अपनी ड्यूटी निभाई और लोगों की सेवा की.
जानकारी के मुताबिक अमित शाह बाद में सभी सीनियर पुलिस अधिकारियों से मुलाकात करेंगे और रिव्यू मीटिंग लेंगे.
आपको बता दें कि राजधानी दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है, जहां पुलिस का जिम्मा सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय के हाथ में ही आता है.
गृह मंत्री ने कहा कि साइबर और आर्थिक अपराध, जुर्म के नए क्षेत्र हैं. इसे कंट्रोल करने के लिए दिल्ली पुलिस प्रभावी ढंग से काम कर रही है. दिल्ली पुलिस को साइबर और फॉरेंसिक एक्सपर्ट की मदद देने के लिए हम गांधीनगर स्थित नेशनल फॉरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी के साथ एमओयू करने जा रहे हैं. इससे पुलिस को बहुत मदद मिलेगी.
2020 was a challenging year for all, even for Delhi Police. Be it Northeast Delhi violence, #COVID19 lockdown, helping migrant workers or establishing peaceful talks with protesting farmers at borders, Delhi Police faced every challenge with immense grit: Home Minister Amit Shah https://t.co/x19MZxnHG7 pic.twitter.com/8fI6xf7dqX
— ANI (@ANI) January 19, 2021
अमित शाह ने दिल्ली पुलिस के अंतर्गत आने वाले सभी थानों को पांच लक्ष्य दिया, ये लक्ष्य क्राइम कंट्रोल से लेकर लॉ एंड ऑर्डर से जुड़े हो सकते हैं. अमित शाह ने कहा कि ये थाने इस लक्ष्य को हासिल करने की कोशिश करें. उन्होंने कहा कि वे पुलिस कमिश्नर के साथ मिलकर इसकी निगरानी खुद करेंगे.
गृह मंत्री ने कहा कि दिल्ली पुलिस का हर जवान एक संकल्प ले और इस पर काम करे.
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अमित शाह की दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ बैठक इसलिए भी अहम हो जाती है, क्योंकि पिछले दो महीनों से दिल्ली की सीमाओं के आस-पास हजारों की संख्या में किसान डटे हैं. किसानों की ओर से दिल्ली में आने की कोशिश की जा रही है, ऐसे में सारा जिम्मा दिल्ली पुलिस के हाथ में है.
साथ ही 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस है और राजपथ पर परेड निकलनी है. ऐसे में राजधानी में सुरक्षा का जिम्मा भी दिल्ली पुलिस के पास ही है. क्योंकि इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों की ओर से ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान किया गया है, ऐसे में सुरक्षा को अधिक किया गया है.
किसान संगठनों ने दिल्ली पुलिस से रैली निकालने की इजाजत मांगी है, जिसको लेकर पुलिस सीधे सुप्रीम कोर्ट के पास गई थी. हालांकि, सर्वोच्च अदालत ने भी कहा है कि शहर में किसे प्रवेश देना है और किसे नहीं, इसका फैसला कोर्ट नहीं बल्कि पुलिस ही करेगी.