देश में तेजी से फैल रहे कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 8 राज्यों को चिट्ठी लिखी है. पत्र के जरिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने डेल्टा वैरिएंट के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई है. पत्र में कहा गया है कि राज्य जांच और जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए सैंपल भेजें.
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से उन राज्यों को चिट्ठी लिखी गई है जहां वेरिएंट के सबसे अधिक मामले सामने आ रहे हैं. राज्यों को आगे की जांच और जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए INSACOG के तहत राज्यों के प्रयोगशालाओं में पर्याप्त संख्या में पॉजिटिव सैंपल्स भेजने के लिए कहा गया है.
प्रभावित राज्यों को कहा गया है कि उनके जिन-जिन जिलों में डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले सामने आए हैं वहां पर तत्काल प्रभाव से कंटेनमेंट जोन बनाए जाएं.
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जिन 8 राज्यों को चिट्ठी लिखी गई है उसमें राजस्थान, कर्नाटक, पंजाब, झारखंड, हरियाणा, गुजरात, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु शामिल हैं.
डेल्टा वैरिएंट के कितने केस
देश में पिछले कुछ दिनों से डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामलों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. केंद्र सरकार ने जानकारी दी है कि अब तक भारत के 18 जिलों में डेल्टा प्लस वैरिएंट के 52 मामले सामने आ चुके हैं.
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डेल्टा प्लस वैरिएंट के केस सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में मिले हैं. यहां पर अब तक 20 मामले मिल चुके हैं, जबकि मध्य प्रदेश में 7 मरीज सामने आए हैं. पंजाब-गुजरात में 2-2, केरल में तीन, आंध्र प्रदेश में एक, तमिलनाडु में 9, ओडिशा में एक, राजस्थान में एक, जम्मू और कर्नाटक में भी एक-एक केस सामने आया है.
यूपी में योगी सरकार अलर्ट
दूसरी ओर, कई राज्यों में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस से संक्रमित मरीजों के मामले सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को अलर्ट मोड पर काम करने के निर्देश दिए हैं. प्रदेश अब में डेल्टा प्लस वैरिएंट की गहन पड़ताल के लिए अधिकाधिक सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग की जाएगी.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा के लिए किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) और बीएचयू में सभी जरूरी व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने के निर्देश आला अधिकारियों को दिए हैं.
साल 2021 की शुरुआत में ही योगी सरकार ने कोरोना संक्रमण के नए स्ट्रेन को ध्यान में रखते हुए लखनऊ के केजीएमयू में जीन सिक्वेंसिंग की जांच को शुरू करने का फैसला लिया था. वायरस के नए स्ट्रेन की पहचान समय से करने के लिए जीन सिक्वेंसिंग की जांच केजीएमयू में जनवरी में ही शुरू कर दी गई थी.
उत्तर प्रदेश में ने वाले सभी यात्रियों के आरटी-पीसीआर टेस्ट के सैंपल से जीन सिक्वेंसिंग भी कराई जाएगी. रेलवे, बस और वायु मार्ग से प्रदेश में आ रहे लोगों के सैंपल लेकर जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट किया जाएगा. इसके साथ ही प्रदेश के जिलों से भी कोरोना वायरस के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस के सैंपल लिए जाएंगे.