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ब्रिटेनः भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी की फिर बढ़ी रिमांड, 29 दिसंबर तक हिरासत में

लंदन के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में भारत प्रत्यर्पण को लेकर मंगलवार को हुई सुनवाई में चीफ मजिस्ट्रेट एम्मा अर्बथनॉट ने नीरव मोदी की रिमांड 28 दिनों के लिए बढ़ाते हुए 29 दिसंबर तक बढ़ा दी. कोरोना प्रोटोकॉल को देखते हुए पूरे मामले की सुनवाई ऑनलाइन हुई.

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29 दिसंबर तक हिरासत में रहेगा नीरव मोदी (फोटो-ANI)
29 दिसंबर तक हिरासत में रहेगा नीरव मोदी (फोटो-ANI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • वैंड्सवर्थ जेल में कैद है नीरव मोदी
  • जनवरी में केस की अंतिम सुनवाई
  • लंदन में प्रत्यर्पण का केस चल रहा

पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से साढ़े 13 हजार करोड़ रुपये के घोटाले में भगौड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी पर अगले साल फैसला आएगा. नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण पर अंतिम फैसला अगले साल जनवरी में आने की संभावना है.

लंदन के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में भारत प्रत्यर्पण को लेकर मंगलवार को हुई सुनवाई में चीफ मजिस्ट्रेट एम्मा अर्बथनॉट ने नीरव मोदी की रिमांड 28 दिनों के लिए बढ़ाते हुए 29 दिसंबर तक बढ़ा दी. कोरोना प्रोटोकॉल को देखते हुए पूरे मामले की सुनाई ऑनलाइन हुई और इस दौरान वैंड्सवर्थ जेल में कैद नीरव भी वीडियो लिंक के जरिये पेश हुआ.

पीएनबी घोटाले मामले में वांछित नीरव अभी जेल में ही रहेगा क्योंकि लंदन की एक अदालत ने हीरा व्यापारी के लिए भारत के प्रत्यर्पण के अनुरोध पर हिरासत में भेज दिया.

49 साल का नीरव मंगलवार को साउथ-वेस्ट लंदन में वैंड्सवर्थ जेल से वीडियो लिंक के जरिए दिखाई दिया. कोर्ट में पेश होने के दौरान उसने मैरून रंग का स्वेटर पहन रखा था और चेहरे पर घनी दाढ़ी थी. मुख्य मजिस्ट्रेट ने 29 दिसंबर तक के लिए नीरव की रिमांड अवधि को और 28 दिनों के लिए बढ़ा दिया.

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मजिस्ट्रेट ने कहा, 'अब एक और छोटी वीडियो-कॉल सुनवाई होगी और फिर मामले को लेकर फैसला आएगा. इस दौरान नीरव मोदी ने पुष्टि के लिए सिर्फ अपना नाम और जन्मतिथि बताई.

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प्रत्यर्पण मामले में अंतिम सुनवाई अब अगले साल होगी. फैसले की तारीख अगले साल 7 और 8 जनवरी को निर्धारित की गई है. डिस्ट्रिक्ट जज सैमुअल गूजी उस दिन दोनों पक्षों की अंतिम दलील सुनेंगे. इसके बाद वह एक या दो हफ्तों में अपना फैसला सुनाएंगे.

3 नवंबर को इस मामले में हुई सुनवाई में जज गूजी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कुछ गवाहों के बयानों की स्वीकार्यता के खिलाफ दलीलें सुनी थीं. तब जज ने कहा था कि वह अपने आपको किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख विजय माल्या के प्रत्यर्पण मामले में ब्रिटिश अदालतों के फैसलों से ‘बंधा हुआ’ मानते हैं. 

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