प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश को आत्मनिर्भर बनाने का मंत्र दिया था. इसी कड़ी में रक्षा क्षेत्र को और अधिक मजबूत करने के लिए भारत में क्या किया जा रहा है, किस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं, इन सभी पर इंडिया टुडे डिफेंस समिट में विशेषज्ञों ने बातचीत की है.
गार्डन रीच शिपबिल्डर्स & इंजीनियर लिमिटेड (जीआरएसई) के सीएमडी एडमिरल वी.के सक्सेना ने अपने विचार पेश करते हुए कहा कि 1961 में जीआरएसई ने भारतीय नौसेना में पहला स्वदेशी युद्धपोत आईएनएस अजय दिया था, तभी से हम भारतीय नौसेना के लिए जहाज बनाते जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम भारत में इकलौते ऐसे शिपयार्ड हैं जिसने देश को 100 से अधिक जहाज दिए हैं.
जीआरएसई इंजन उत्पादन में भी शामिल
जीआरएसई इंजन उत्पादन और अन्य इंजीनियरिंग गतिविधियों में भी शामिल है. इंजीनियरिंग डिवीजन डेक मशीनरी आइटम, प्री-फैब्रिकेटेड पोर्टेबल स्टील ब्रिज और मरीन पंप भी बनाती है. यानी जहाज के डिजाइन भी भारत में ही बन रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा कि इतना ही नहीं आपको जानकर खुशी होगी की हमने जहाज एक्सपोर्ट भी किया है. MCGS बाराकुडा नेशनल कोस्ट गार्ड मॉरीशस का एक कोरा-क्लास गश्ती पोत है जिसे गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स, कोलकाता ने बनाया है और 2 अगस्त 2013 को लॉन्च किया गया, यह भारतीय शिपयार्ड द्वारा निर्यात किया जाने वाला पहला युद्धपोत है. उन्होंने कहा कि देश में BEL, LNT और भारतीय नौसेना सभी के योगदान से हम आत्मनिर्भर भारत के सपने को जल्द ही साकार कर लेंगे.
स्मार्ट प्रौद्योगिकी के निदेशक जयंत पाटिल ने भी कहा कि अब रक्षा इकाई इस तरह से काम कर रही है कि हम चार जहाज इंपोर्ट करेंगे लेकिन, बाकी सभी खुद बनाएंगे. उन्होंने कहा कि आज सरकार ने ये सुनिश्चित किया है कि यदि नौसेना हमसे कहती है कि हमें एयर डिफेंस सिस्टम चाहिए, या फिर हमें लैंड डिफेंस सिस्टम चाहिए अब ये सभी हमारे पास भारत में मौजूद है.
इंडिया बिजनेस डेवलपमेंट एंड कमर्शियल डिवीज़न NAVANTIA के निदेशक फर्नांडो फॉर्मसो फ्रेयर ने कहा कि सबसे जरूरी है कि आपको सबसे अच्छा टेक्नोलॉजी पार्टनर चुनना होगा. तभी आप अच्छा कर सकते हैं, साथ ही आपको धैर्य भी दिखाना होगा. जरूरत है कि आप दुनिया में सबसे अच्छा दिखाएं तभी आप बाकियों से आगे निकल पाएंगे.