
कृषि कानून के मसले पर देश के 500 से अधिक किसान संगठन दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं. 26 नवंबर से जारी इस आंदोलन को 56 दिन पूरे हो चुके हैं, केंद्र सरकार के साथ किसान संगठनों की कई दौर की बैठक भी हो चुकी है. बुधवार को दसवें दौर की बैठक हो रही है. अबतक की बैठकों में सरकार ने नए कानून वापस लेने से इनकार किया है, जबकि किसान संगठन अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. ऐसे में अबतक दोनों पक्षों में किस राउंड में क्या बात हुई, एक बार पूरी नज़र डालें..
राउंड 1: 14 अक्टूबर, 2020
केंद्र सरकार के साथ हुई पहली बैठक में किसानों की ओर से नाराजगी व्यक्त की गई थी. बैठक में सिर्फ मंत्रालय के अधिकारी थे, ऐसे में किसी केंद्रीय मंत्री के ना होने पर किसानों की ओर से नाराजगी व्यक्त की गई थी. हालांकि, कुछ संगठनों ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने, बिजली बिल, पर्यावरण से जुड़े एक बिल को वापस लेने की अपील की थी.
राउंड 2: 13 नवंबर, 2020
दूसरे दौर की बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल शामिल हुए. किसान संगठनों के साथ घंटों तक चर्चा हुई, जिसमे सरकार की ओर से भरोसा दिलाया गया कि एमएसपी और मंडी सिस्टम पहले की तरह जारी रहेगा. सरकार ने एक पांच सदस्यों की कमेटी बनाने का प्रस्ताव भी रखा. हालांकि, किसानों ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था.
राउंड 3: 1 दिसंबर, 2020
केंद्र सरकार की ओर से किसानों को कृषि कानून और अन्य मसलों पर एक प्रेजेंटशन दी गई. हालांकि, किसानों ने तीनों कानून वापस लेने की मांग रखी. इसी बैठक में किसानों ने केंद्रीय मंत्रियों के साथ चाय पीने से इनकार कर दिया था.
राउंड 4: 3 दिसंबर, 2020
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और सुरक्षा का मसला उठाया. कैप्टन अमरिंदर ने बॉर्डर को लेकर भी अलर्ट किया. इसी दिन किसान संगठनों-सरकार के बीच की बैठक करीब सात घंटे चली. लेकिन कोई हल नहीं निकला, जिसके बाद अगले दौर की चर्चा का प्रस्ताव रखा गया.
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राउंड 5: दिसंबर 5, 2020
किसान नेताओं ने इस बैठक में शुरुआत में शांति के साथ प्रदर्शन किया. किसान नेता अपने हाथ में एक बोर्ड लेकर पहुंचे, जिसमें हां या ना के रूप में जवाब मांगा गया. जब सरकार के साथ गतिरोध नहीं टूटा तो किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया.
इसके बाद 8 दिसंबर को भारत बंद बुलाया गया और शाम होते-होते केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किसान नेताओं के साथ मुलाकात की. इसी के बाद 9 दिसंबर को लेकर होने वाली एक बैठक को रद्द कर दिया गया.

राउंड 6: दिसंबर 30, 2020
किसान संगठनों ने बैठक में चार प्वाइंट का एजेंडा रखा. जिसमें से केंद्र ने दो बिंदुओं को मान लिया, इसमें पराली जलाने की छूट और बिजली से जुड़े बिल को ना लाने की बात कही. हालांकि, कृषि कानून और एमएसपी के मसले पर विवाद नहीं सुलझा.
हालांकि, इसी बैठक में एक अलग नज़ारा भी दिखा, जहां केंद्रीय मंत्री और किसान नेताओं ने एक साथ लंगर का स्वाद चखा.
राउंड 7: जनवरी 4, 2021
बैठक में किसान नेताओं ने ‘बिल वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं’ और ‘जीतेंगे या मरेंगे’ के नारे लगाए. बैठक में कोई हल नहीं निकला, ना ही इस बार किसान नेताओं और मंत्रियों ने साथ में लंच किया. बात अगली बैठक की ओर बढ़ गई.
राउंड 8: जनवरी 8, 2021
अबतक किसान नेताओं की ओर से एक ही मुख्य मांग की जा रही थी, जिसमें तीनों कानून की वापसी की बात थी. हालांकि, सरकार ने साफ कहा कि वो कानून वापस नहीं लेंगे. लेकिन तबतक सुप्रीम कोर्ट की भी विवाद में एंट्री हुई थी, तो सरकार ने कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट ही फैसला करेगा.
इसी के बाद 11 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानून के लागू होने पर रोक लगा दी. साथ ही एक कमेटी का गठन किया, जो कि सभी पक्षों से बात करेगी.
राउंड 9: जनवरी 15, 2021
सुप्रीम कोर्ट द्वारा कानून को लागू होने से रोकने के बाद सरकार-किसानों के बीच पहली बैठक हुई. लेकिन मुद्दा पुराना ही रहा, किसानों ने कानून वापसी की मांग रखी. साथ ही किसान नेताओं ने कमेटी के सामने बैठने से इनकार कर दिया. किसान नेताओं की ओर से संगठन से जुड़े लोगों पर हो रही छापेमारी और एजेंसियों के एक्शन का मुद्दा भी उठाया गया.
राउंड 10: जनवरी 20, 2021
किसान नेताओं और सरकार के बीच दसवें राउंड की वार्ता बुधवार को हो रही है. जिसमें गतिरोध का कोई हल निकलने की उम्मीद है.