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किसान क्रांति के 13 दिन, सिंधु बॉर्डर पर बीमारियों से भी लड़ रहे हैं अन्नदाता

आंदोलन के दौरान खाने-पीने की कोई कमी नहीं है लेकिन बढ़ती ठंड और बिगड़ते मौसम का इस अनिश्चितकालीन धरने-प्रदर्शन में आए किसानों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है.

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आंदोलन के दौरान किसानों के लिए इलाज का इंतजाम (फोटो-PTI)
आंदोलन के दौरान किसानों के लिए इलाज का इंतजाम (फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बीते 13 दिनों से दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर जमे
  • बदलते मौसम के चलते बीमार पड़ रहे हैं किसान
  • प्रदर्शनकारी किसानों की सेहत पर पड़ रहा असर

कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग लेकर दिल्ली के सिंधु बॉर्डर पर पिछले 13 दिन से डटे किसानों के सामने दूसरी चुनौती भी खड़ी हो गई है. मौसम की मार और सड़कों पर आंदोलन के चलते किसान बीमार पड़ने लगे हैं. हालांकि किसानों की मदद के लिए दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से लेकर के कई एनजीओ और पंजाब के निजी अस्पतालों से भेजी गई डॉक्टरों की टीम सिंधु बॉर्डर पर तैनात है, जहां किसानों का आंदोलन चल रहा है.

किसानों के लिए दिल्ली सरकार ने टॉयलेट, पीने के पानी के लिए टैंकर भी लगाए हैं. किसान अपना खाना खुद बनाते हैं और बर्तन खुद धोते हैं. किसानों का यह डेरा प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग पर है, जिस वजह से आसपास के इलाकों में जलजमाव भी हो रहा है. आंदोलन के दौरान खाने-पीने की कोई कमी नहीं है लेकिन बढ़ती ठंड और बिगड़ते मौसम का इस अनिश्चितकालीन धरने-प्रदर्शन में आए किसानों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है.

अमृतसर से किसानों की सेवा के लिए आए गुरमीत सिंह ने 'आजतक' को बताया कि बड़े बुजुर्ग और बच्चों के भीतर डायरिया, चेस्ट इंफेक्शन, पेट में दर्द जैसी बीमारियों की शिकायत मिल रही हैं. उन्होंने बताया कि बीमारियों का इलाज करने के लिए उनके पास दवाइयों का पर्याप्त स्टॉक है. कई किसानों में वायरल फीवर की शिकायत है जिसका इलाज गुरमीत सिंह जैसे डॉक्टर कर रहे हैं.

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किसानों को दवा देते डॉक्टर (फोटो-PTI)

डॉक्टर गुरमीत का कहना है कि आसपास पानी जमा होने से मच्छरों की शिकायत भी बढ़ रही है और किसानों के स्वास्थ्य पर असर तो पड़ रहा है. लेकिन वह किसी को भी घर जाने की हिदायत नहीं दे रहे हैं बल्कि उनका इलाज कर रहे हैं. अमृतसर से आए डॉक्टरों का कहना है कि वह भी तब तक यहां डटे रहेंगे जब तक उनके बड़े बुजुर्ग अपने हक की लड़ाई की मांग लेकर सिंधु बॉर्डर पर जमे हुए हैं.

किसानों की सेवा में जुटे हेल्थ वर्कर्स (फोटो-PTI)

दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से भी डॉक्टरों का एक कैंप सिंधु बॉर्डर पर तैनात है. लोगों का इलाज कर रहे डॉक्टर सतविंदर ने बताया कि चेस्ट इंफेक्शन, डायरिया से लेकर फूड प्वाइजनिंग तक की शिकायत लेकर लोग उनके पास आ रहे हैं. डॉक्टर सतविंदर के मुताबिक घंटों ड्यूटी कर रहे पुलिस और पैरामिलिट्री के जवान भी उनसे दवाइयां ले जा रहे हैं. डॉक्टरों के मुताबिक ज्यादातर आंदोलन में आए किसानों को डायबिटीज, शुगर, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां हैं. लेकिन 13 दिन से यहां जमे होने के चलते वह दूसरी बीमारियों के भी शिकार हो रहे हैं.

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किसानों के एक गुट का नेतृत्व कर रहे किसान नेता सुखविंदर ने बताया कि कई किसानों के स्वास्थ्य बिगड़ रहे हैं. लेकिन यह समस्या उनके लिए मामूली है. वह कहते हैं कि हम बड़ी मांग लेकर और बड़े मुद्दे को लेकर यहां बैठे हैं और जब तक यह कानून वापस नहीं होता तब तक हम वापस नहीं जाएंगे. 

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