जारी है किसानों का आंदोलन किसान संगठनों ने कृषि कानूनों के खिलाफ सरकार के बातचीत के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. किसान संगठनों ने सरकार को 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे बातचीत तय करने का प्रस्ताव दिया है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि सरकार सोमवार तक किसान संगठनों के कृषि संबंधित कानूनों पर 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे बातचीत के प्रस्ताव पर स्वीकृति पत्र किसान संगठनों को भेज देगी. सूत्रों की माने तो सरकार के स्वीकृति पत्र में कृषि संबंधित कानूनों पर किसान संगठनों की मांगों पर चर्चा विचार-विमर्श न्योता भेजा जाएगा.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत को जान से मारने की धमकी मिली है. राकेश टिकैत के मुताबिक बिहार से फोन आया था जिसमें कहा गया हथियारों की जरूरत है क्या. बताओ कितने हथियार भिजवाने है. तुम्हें मारने का प्लान है. एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा जान से मारने की धमकी दिए जाने के संबंध में अर्जुन बालियान (सहायक, राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत) द्वारा एक तहरीर गाजियाबाद के कौशाम्बी थाने में दी गई है. इस संबंध में तत्काल मुकदमा अपराध संख्या 635/ 2020 धारा 507 आईपीसी के तहत दर्ज किया गया है. इस शिकायत पर सर्विलांस की टीम गठित कर तत्काल आवश्यक वैधानिक कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया है.
दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव आज शाम सिंघु बॉर्डर पहुंचे और वहां पर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया. उन्होंने सुरक्षा में तैनात दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों से बातचीत भी की. साथ ही बॉर्डर पर मौजूद अधिकारियों से भी बातचीत की और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर रिव्यू किया. सिंघु बॉर्डर पर तकरीबन आधा घंटा रुकने के बाद कमिश्नर टीकरी बॉर्डर के लिए निकल गए.
सिंघु बॉर्डर पर योगेंद्र यादव ने कहा कि किसानों के प्रतिनिधियों और भारत सरकार के बीच 29 दिसंबर को प्रस्तावित बैठक का एजेंडा ये होना चाहिए. पहला, तीन कृषि कानून को निरस्त करने पर चर्चा. दूसरा, स्वामीनाथन कमेटी के अनुसार एसएसपी पर कानूनी गारंटी पर चर्चा. तीसरा, प्रदूषण पर अध्यादेश के पराली के दंड के मुद्दे पर चर्चा और चौथा, विद्युत बिल में संशोधन पर चर्चा हो.
किसान संगठन के नेता डॉक्टर दर्शनपाल ने किसानों की आगे की योजना के बारे में बताया कि 27 और 28 दिसंबर को गुरु गोविंद सिंह के बेटे की शहीदी दिवस मनाएंगे और फिर 29 दिसंबर को हम बातचीत के लिए जाएंगे. 30 दिसंबर को हमारे किसान ट्रैक्टर से सिंघु से लेकर टीकरी और शाहजहांपुर तक मार्च करेंगे. दर्शनपाल ने कहा कि 31 दिसंबर और 1 जनवरी को हम सबको निमंत्रित कर रहे हैं कि लोग सिंघु आएं और हमारे साथ लंगर खा कर नया साल मनाएं.
कृषि कानूनों के विरोध में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के नेता हनुमान बेनिवाल ने आज NDA छोड़ने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने कहा कि मैं एनडीए छोड़ने का ऐलान करता हूं. आरएलपी से पहले कृषि कानूनों के विरोध में अकाली दल भी एनडीए छोड़ चुकी है.
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि हमारा प्रस्ताव यह है कि किसानों के प्रतिनिधियों और भारत सरकार के बीच अगली बैठक 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे आयोजित की जाए. साथ ही कृषि मंत्रालय के सचिव की ओर से भेजे गए पत्र के जवाब में मोर्चा ने कहा है कि अफसोस है कि इस चिठ्ठी में भी सरकार ने पिछली बैठकों के तथ्यों को छिपाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश की है. हमने हर वार्ता में हमेशा तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की. सरकार ने इसे तोड़मरोड़ कर ऐसे पेश किया, मानो हमने इन कानूनों में संशोधन की मांग की थी. आप अपनी चिठ्ठी में कहते हैं कि सरकार किसानों की बात को आदरपूर्वक सुनना चाहती है. अगर आप सचमुच ऐसा चाहते हैं तो सबसे पहले वार्ता में हमने क्या मुद्दे कैसे उठाए हैं, इसके बारे में गलतबयानी ना करें और पूरे सरकारी तंत्र का इस्तेमाल कर किसानों के खिलाफ दुष्प्रचार बंद करें.
दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पहुंच गए हैं. कमिश्नर सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं. वह सुरक्षा में तैनात दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों से बातचीत कर रहे हैं. पुलिस कमिश्नर बॉर्डर पर मौजूद अधिकारियों से भी बातचीत करेंगे. पुलिस कमिश्नर सिंघु बॉर्डर के बाद टीकरी बॉर्डर भी जाएंगे.
दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव शाम 5 बजे सिंघु बॉर्डर और टीकरी बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेंगे. साथ दोनों ही बॉर्डर पर आंदोलन के हालात का जायजा लेंगे और बॉर्डर पर मौजूद अधिकारियों से बातचीत कर सारे इनपुट्स लेंगे.
दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर आज शाम साढ़े 5 बजे किसान नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. किसान संगठन फिलहाल बैठक कर रहे हैं.
नागौर सांसद और जाट नेता हनुमान बेनीवाल सैकड़ों की संख्या में किसानों के साथ कोटपुतली पहुंचे हैं. उन्होंने दो लाख किसानों के साथ दिल्ली कूच करने का आह्वान किया था. बेनीवाल जयपुर, जोधपुर, कोटपुतली, अलवर, नागौर, जैसलमेर, जोधपुर समेत राजस्थान के कई जिलों से सैकड़ों की संख्या में किसानों के साथ इकट्ठे हुए किसानों के साथ शाहजहांपुर की तरफ बढ़ रहे हैं. हनुमान बेनीवाल ने आजतक से कहा कि हरियाणा बॉर्डर पर शाहजहांपुर में मीटिंग के बाद एनडीए में रहने या छोड़ने पर लिया जाएगा फैसला. नरेंद्र मोदी सरकार के पास 303 सांसद हैं जिस वजह से वह कृषि कानूनों को वापस नहीं ले रही है. 1,200 किलोमीटर दूर राजस्थान के किसान दिल्ली की तरफ कूच कर रहे हैं.
दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव थोड़ी देर में सिंघु बॉर्डर और टीकरी बॉर्डर का दौरा करने वाले हैं. पहले वह 3.50 बजे जाने वाले थे, लेकिन अब करीब एक घंटे बाद 4.45 पर इन स्थानों का दौरा करेंगे.
किसानों के आंदोलन का आज 31वां दिन है. एक तरफ जहां राजस्थान और हरियाणा के किसान भारी संख्या में दिल्ली कूच कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ सिंघु बॉर्डर किसानों के 40 संगठन बैठक कर रहे हैं. शुक्रवार को सरकार की तरफ से प्रस्ताव गया था जिसके बाद ये बैठक बुलाई गई थी. बैठक शुरू हो गई है.
गाजीपुर बॉर्डर पर डटे किसानों ने रास्ता रोकने का काम किया है. कुछ युवा किसानों ने रोड पर ट्रैक्टर लगा दिया जिससे कारण यातायात ठप हो गया. काफी मशक्कत के बाद खुद किसान नेता राकेश टिकैत ने रोड से ट्रैक्टर हटाया जिसके बाद जाम खुल सका.
बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने किसान आंदोलन को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हमला किया है. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर दो फोटो शेयर की है. एक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों को नए कृषि बिल के फायदे बताए जाने वाली खबरें हैं, तो दूसरी फोटो में अरविंद केजरीवाल के वो सवाल हैं जो उन्होंने किसानों के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ उठाए हैं. मनोज तिवारी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, अरविंद केजरीवाल किसी को अपने घर में घुसने नहीं देते, बाहर बैठे जनप्रतिनिधियों को मिलने नहीं देते. मैं उन सभी को अपने सरकारी आवास पर आने का निमंत्रण देता हूं. 27 दिसंबर को तीन बजे मीडिया के माध्यम से मैं किसानों को कृषि बिल के फायदे बताने वाला हूं. चलिए किसानों के हित में रचनात्मक राजनीति करते हैं.
दिल्ली CM @ArvindKejriwal जी किसी को अपने घर में घुसने नही देते और बाहर बैठे जनप्रतिनिधि को मिलने नही,चलो हमारे सरकारी आवास पर आने का निमंत्रण दे रहा हूँ 27December 3बजे-आपको मैं मीडिया के सामने ही कृषि क़ानून के फ़ायदे बताता हूँ,
— Manoj Tiwari (@ManojTiwariMP) December 26, 2020
lets do constructive politics for farmers benefit pic.twitter.com/8DAN1e2fg5
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि प्रदेश में केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लागू किए गए तीनों कृषि बिल लागू कर दिए गए हैं. राज्य में किसी को भी इस कानून को लेकर कोई कंफ्यूजन नहीं है. प्रदेश के सभी 313 ब्लॉक में ट्रेनिंग कैंप ऑर्गेनाइज किए जाएंगे. जिससे कि हमारे किसान इस बिल को अच्छी तरह से समझ सकें और इसका पूरा-पूरा फायदा उठा सकें.
राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री परसादी लाल मीणा ने लालसोट में कृषि उपज मंडी में आयोजित एक कार्यक्रम में संबोधित करते हुए कहा कि तीनों कृषि विधेयकों को किसी भी सूरत में राजस्थान में लागू नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि चाहे राजस्थान में कांग्रेस की सरकार चली जाए, चाहे राजस्थान की सरकार को भंग कर दिया जाए लेकिन वे इन तीनों काले कानूनों को लागू नहीं होने देंगे.
राहुल गांधी ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट किया है. वीडियो के कैप्शन में लिखा है- मिट्टी का कण-कण गूंज रहा है, सरकार को सुनना पड़ेगा.
मिट्टी का कण-कण गूंज रहा है,
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 26, 2020
सरकार को सुनना पड़ेगा। pic.twitter.com/yhwH6D8uWO
इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को कृषि कानून के मसले पर राष्ट्रपति से मुलाकात की थी. जिसके बाद उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि इन कानूनों से किसानों को नुकसान होने वाला है, देश को दिख रहा है कि किसान कानून के खिलाफ खड़ा है. मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं कि किसान हटेगा नहीं, जबतक कानून वापस नहीं होगा तबतक कोई वापस नहीं जाएगा.
सितंबर 2020 में पास इन तीन नए कृषि कानूनों को केंद्र सरकार कृषि सुधारों की दिशा में बड़ा कदम मानती है. सरकार का मानना है कि इन कानूनों के असर से किसान आढ़तियों के चंगुल से मुक्त होंगे और अपना अनाज अपने पसंद की कीमत पर बेच सकेंगे. लेकिन किसानों का कहना है कि नए कानून से उन्हें सरकार की ओर से मिलता आ रहा MSP का सेफ्टी वॉल्व खत्म हो जाएगा.
कृषि मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा है कि सरकार किसान संगठनों के साथ अगले दो से तीन दिनों के अंदर बातचीत की टेबल पर बैठ सकती है. प्रदर्शन कर रहे एक किसान नेता ने अपना नाम गोपनीय रखने की शर्त पर कहा कि MSP को कानूनी गारंटी देने की उनकी मांग बनी रहेगी.
सरकार के पत्र और प्रधानमंत्री के भाषण पर कुंडली, सिंघु बॉर्डर पर 26 दिसबंर को दोपहर 2 बजे सयुंक्त किसान मोर्चा की मीटिंग आयोजित की जाएगी. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक कुछ किसान संगठनों ने संकेत दिया है कि वे सरकार के साथ एक बार फिर से वार्ता शुरू कर सकते हैं, ताकि इस गतिरोध का कुछ समाधान निकाला जा सके. किसान संगठनों ने कहा है कि वे शनिवार को एक बैठक करेंगे. इस बैठक में केंद्र द्वारा बातचीत की पेशकश का क्या जवाब दिया इस पर एक औपचारिक फैसला लिया जा सकता है.