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379 दिनों की जंग थमी! दिल्ली बॉर्डर से गांव की ओर निकला किसानों का कारवां

टिकरी बॉर्डर किसान आंदोलन का प्रमुख केंद्र रहा. यहां से आज सभी किसान घर वापसी कर रहे हैं. सुबह से ही यहां पर जश्न का माहौल है. मिठाइयां बांटी जा रही है, बधाइयां दी जा रही हैं और साथ ही साथ सुबह से यहां पर डीजे लगाकर सभी लोग जश्न मना रहे हैं.

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गाजीपुर से रवानगी की तैयारी में किसान (फोटो- पीटीआई)
गाजीपुर से रवानगी की तैयारी में किसान (फोटो- पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 13 महीने बाद किसान आंदोलन खत्म
  • खाली हो रहे हैं दिल्ली के बॉर्डर
  • जगह जगह किसानों का स्वागत

379 दिनों के बाद किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर लगे अपने डेरे को खाली कर दिया है. आज सुबह सिंघु बॉर्डर पर नजारा भावुक कर देने वाला था. किसान अपनी गृहस्थी समेट रहे थे. तंबू उखाड़ रहे थे. ट्रैक्टर पर लोडिंग हो रही थी. कारवां तैयार हो रहा था. यहां साल भर से चल रहे आंदोलन के बाद उनकी मांग पूरी हुई थी और वे घर लौट रहे थे. सिंघु बॉर्डर पर पहले किसानों ने अरदास की. सुबह का नाश्ता किया फिर अपने मंजिल की ओर बढ़ चले. 

टिकरी बॉर्डर पर मिठाइयां बंटी

टिकरी बॉर्डर किसान आंदोलन का प्रमुख केंद्र रहा. यहां से आज सभी किसान घर वापसी कर रहे हैं. सुबह से ही यहां पर जश्न का माहौल है. मिठाइयां बांटी जा रही है, बधाइयां दी जा रही हैं और साथ ही साथ सुबह से यहां पर डीजे लगाकर सभी लोग जश्न मना रहे हैं. टिकरी बॉर्डर पर सुबह-सुबह नगर कीर्तन हुआ. इसके बाद किसानों ने काफिले के साथ फतेह मार्च किया. किसानों के सम्मान में प्रदेशभर के टोल प्लाजा पर धरना दे रहे किसान दिल्ली से लौट रहे किसानों पर फूल बरसा रहे हैं.

चलता रहेगा सिंघु बॉर्डर का चिकित्सालय

सिंघु बॉर्डर पर यह आन्दोलन अब समाप्त हो चुका है. लेकिन यहां पर बनाया गया ये चिकित्सालय न जाने कितने किसानों की जान बचा गया. इस अस्पताल में ज़मीन पर पक्की टाइल्स भी लगा दी गई. किसानों ने अपने लिए लंबा इंतजाम किया था. अब चिकित्सालय के आयोजकों का कहना है कि जब तक सिंघु बॉर्डर से सारे किसान नहीं लौट जाते तब तक ये अस्पताल यहीं रहेगा. 

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गोल्डन टेंपल के लिए रवाना होते किसान (फोटो-आजतक)

सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के मुख्य मंच को हटा दिया गया है. यहां मौजूद निहंग सिखों ने भी अपना सामान समेट लिया. यहां पर विजय मार्च निकाला गया इसके बाद किसान अपने अपने गंतव्य की ओर रवाना हो गए.

सोनीपत कुंडली बॉर्डर पर किसान घर जाने निकले किसानों ने पहले अपना शक्ति प्रदर्शन किया. किसानों ने ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे से 9:00 बजे फतेह मार्च निकाला. 

गाजीपुर बॉर्डर पर आज सुबह गुरु का पाठ हुआ पाठ के बाद अरदास की गई जिसके बाद किसान एनएच 24 पर बने मंच को धीरे-धीरे खाली कर रहे हैं. यहां लंगर भी आयोजित किया गया. गाजीपुर से किसानों के पहले जत्थे को आज सुबह सुबह बिजनौर रवाना किया गया.

गाजीपुर में भोजन करते किसान (फोटो- आजतक)

किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी दिल्ली से पूरे काफिले के साथ गोल्डन टेंपल के लिए रवाना हुए. रास्ते में जगह जगह किसान उनका स्वागत कर रहे हैं.

फतेहाबाद में देसी घी में तले जा रहे हैं जलेबियां

फतेहाबाद में दिल्ली से लौटने वाले किसानों का ढोल-नगाड़ों के साथ नाचते-गाते और फूल बरसाकर स्वागत किया गया. किसानों के स्वागत में देसी घी की जलेबियां बनाई गई थीं. फतेहाबाद में नेशनल हाईवे नंबर 9- पर एक साल से किसानों के लिए चल रहे लंगर स्थल पर कई तैयारियां की गई है.

किसान मोर्चा के नेताओं का कहना है कि दिल्ली से जब तक आखिरी जत्था और आखिरी ट्रैक्टर नहीं लौट जाता तब तक हरियाणा, पंजाब, राजस्थान आदि इलाकों के सभी किसानों के लिए स्वागत कार्यक्रम चलता रहेगा. दिल्ली फतह करने वाले किसानों के लिए गरमा गरम जलेबी बनाई जा रही है. साथ में चाय-पानी और रोटी का लंगर लगा हुआ है.

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गाजीपुर बॉर्डर पर मिठाई बांटते किसान (फोटो- पीटीआई)

फरीदकोट में शादी जैसा माहौल

पंजाब के फरीदकोट में इस मौके पर शादी जैसा माहौल है. किसानों का कहना है कि ये माहौल साल भर बाद आया है. गांव की महिलाओं ने रात को पूरे गांव में घूम घूम कर पंजाबी रिवाज से जागो निकाला, गिद्दा के गीत गाए और आंदोलन की जीत की खुशी मनाई. इस गांव के सभी किसान दिल्ली आंदोलन में पहुंचे थे. किसानों ने कहा कि आज इस तरह लग रहा है जैसे हमारी ही शादी हो रही हो. पूरे गांव में खुशी है. इस खुशी में सभी शामिल है. 

जींद में जमकर नाचीं महिलाएं 

जींद-पटियाला दिल्ली नेशनल हाईवे पर किसानों के लौटने की खुशी देखी जा रही है. बॉर्डर से लौटी महिलाएं जीत की खुशी में हाईवे पर नाच रही हैं. उचाना कलां में मंडी एसोसिएशन द्वारा आज लंगर लगाया गया है. किसानों के लिए यहां कई तरह के पकवान बनाये जा रहे हैं. 

(इनपुट- सोनीपत से पवन राठी, जींद से वीरेंदर कुमार, फरीदकोर्ट से प्रेम पासी, फतेहगढ़ से बजरंग मीणा, टिकरी बॉर्डर से प्रथम शर्मा)

 

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