केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (फाइल फोटो) गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि किसानों की आय को बढ़ाने के लिए जितने काम 6 दशकों तक नहीं हुए उससे अधिक पीएम मोदी ने 6 वर्षों में किये हैं. अमित शाह ने कहा कि कृषि सुधारों से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के लिए नरेंद्र सिंह तोमर का पत्र मोदी सरकार की किसानों के हितों के प्रति समर्पण और संवेदनशीलता को दर्शता है.
कृषि मंत्री की चिट्ठी पर पीएम मोदी ने ट्वीट किया है. पीएम ने कहा कि कृषि मंत्री ने किसानों को चिट्ठी लिखकर भावनाएं प्रकट की हैं. एक विनम्र संवाद करने का प्रयास किया है. सभी अन्नदाताओं से मेरा आग्रह है कि वे इसे जरूर पढ़ें. देशवासियों से भी आग्रह है कि वे इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं.
संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान जारी कहा कि अभी तक संयुक्त किसान मोर्चा को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कोई आधिकारिक नोटिस नहीं मिला है, इसलिए हम सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई पर कोई बयान नहीं देंगे. संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ नेता वरिष्ठ वकीलों (दुष्यंत दवे, प्रशांत भूषण, कॉलिंस गोंसाल्वेस, एच. एस. फुल्का एवम अन्य) से कल चर्चा करेंगे और सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई पर अपनी रणनीति बनाएंगे.
कृषि कानूनों को लेकर बीजेपी की बैठक खत्म हो गई है. बीजेपी मुख्यालय में हुई इस बैठक में पार्टी महासचिवों के साथ गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद रहे.
संयुक्त किसान मोर्चे के नेतृत्व में और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर राजस्थान, हरियाणा, गुजरात से पहुंचे हजारों किसान शाहजहांपुर बॉर्डर पर आंदोलित हैं. पिछले पांच दिनों से किसान जयपुर-दिल्ली हाइवे की शाहजहांपुर सीमा पर बैठे हुए हैं. किसान दिल्ली की ओर कूच करना चाहते हैं, लेकिन हरियाणा पुलिस ने भारी बैरिकेडिंग कर किसानों को सीमा पर ही रोका हुआ है, जिसके कारण जयपुर-दिल्ली हाइवे पांच दिन से जाम है.
कृषि कानूनों को लेकर बीजेपी मुख्यालय में बैठक हो रही है. इसमें पार्टी के महासचिवों के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल मौजूद हैं.
दिल्ली विधानसभा में गुरुवार को स्पेशल सत्र बुलाया गया. यहां मंत्री कैलाश गहलोत ने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने का संकल्प पेश किया है. चर्चा में आम आदमी पार्टी के विधायक महेंद्र गोयल ने कृषि कानून की कॉपी को फाड़ दिया और सदन में जय जवान जय किसान के नारे लगाए गए.
संत बाबा राम सिंह का पार्थिव शरीर उनके गांव में पहुंच गया है, यहां सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं. PM रिपोर्ट जब आएगी, तो सोनीपत पुलिस जो इस पूरे मामले की जांच कर रही उसके जांच अधिकारी को भिजवा दी जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट में किसान आंदोलन को लेकर सुनवाई अभी टल गई है. अदालत में किसी किसान संगठन के ना होने के कारण कमेटी पर फैसला नहीं हो पाया. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वो किसानों से बात करके ही अपना फैसला सुनाएंगे. आगे इस मामले की सुनवाई दूसरी बेंच करेगी. सुप्रीम कोर्ट में सर्दियों की छुट्टी है, ऐसे में वैकेशन बेंच ही इसकी सुनवाई करेगी. चीफ जस्टिस ने कहा कि सरकार को मौजूदा कृषि कानूनों को होल्ड पर रखने पर विचार करना चाहिए. हालांकि, सॉलिसिटर जनरल ने इसका विरोध किया जिसपर CJI ने कहा कि इसपर विचार करें. अब केस पर अगले हफ्ते सुनवाई की जाएगी.
दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर एक और किसान की मौत हो गई है. जानकारी के मुताबिक, बीती रात नाले में गिरने के कारण एक किसान की मौत हुई है. जिसके बाद किसानों में गुस्सा है और PWD विभाग के खिलाफ एक्शन की मांग की गई है.
कोरोना काल के बीच में संसद चलाकर भाजपा सरकार ने अरबपति मित्रों के लिए बनाए गए कृषि कानूनों को पास कर दिया लेकिन किसानों की मांग पर, 11 किसानों की शहादत व बाबा राम सिंह की आत्महत्या के बावजूद किसान बिलों पर चर्चा के लिए संसद नहीं खुल सकती.
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 17, 2020
इतना ज्यादा अहंकार और असंवेदनशीलता
सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार की ओर से पी. चिदंबरम ने अपना पक्ष रखा, उन्होंने कहा कि किसी भी किसान संगठन ने सड़क जाम करने की बात नहीं की है. प्रशासन द्वारा रास्ते बंद किए गए हैं. अदालत की ओर से कहा गया है कि इतनी बड़ी भीड़ की जिम्मेदारी कौन लेगा, कोर्ट ये काम नहीं कर सकता है.
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि किसानों को प्रदर्शन का हक है, लेकिन ये कैसे हो इसपर चर्चा हो सकती है. अदालत ने कहा कि हम प्रदर्शन के अधिकार में कटौती नहीं कर सकते हैं. अदालत ने कहा कि प्रदर्शन का अंत होना जरूरी है, हम प्रदर्शन के विरोध में नहीं हैं लेकिन बातचीत भी होनी चाहिए. चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें नहीं लगता कि किसान आपकी बात मानेंगे, अभी तक आपकी चर्चा सफल नहीं हुई है इसलिए कमेटी का गठन जरूरी है. अटॉर्नी जनरल ने अपील की है कि 21 दिनों से सड़कें बंद हैं, जो खुलनी चाहिए. वहां लोग बिना मास्क के बैठे हैं, ऐसे में कोरोना का खतरा है.
सबसे पहले हरीश साल्वे पक्ष रख रहे हैं. हरीश साल्वे ने कहा कि इस प्रदर्शन के कारण दिल्लीवासी प्रभावित हुए हैं. ट्रांसपोर्ट पर असर के कारण सामान के दाम बढ़ रहे हैं. अगर सड़कें बंद रही तो दिल्ली वालों को काफी दिक्कत होगी. हरीश साल्वे ने कहा कि प्रदर्शन के अधिकार का मतलब ये नहीं कि शहर बंद कर दिया जाए. इसपर चीफ जस्टिस की ओर से कहा गया कि हम इस मामले में देखेंगे, किसी एक मसले की वजह से दूसरे के जीवन पर असर नहीं पड़ा चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट में लगातार दूसरे दिन किसान आंदोलन के मसले पर सुनवाई शुरू हो गई है. चीफ जस्टिस ने सबसे पहले पूछा कि हरीश साल्वे किसकी ओर से पेश हो रहे हैं और भारतीय किसान यूनियन की ओर से कौन पेश हो रहा है.
चीफ जस्टिस ने सुनवाई शुरू होते ही कहा कि अभी कानून को लेकर चर्चा नहीं है, शुरुआत में सिर्फ प्रदर्शन को लेकर बहस होगी. कानून वैध हैं या नहीं, इसपर बाद में बहस हो सकती है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को किसान आंदोलन से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करने से इनकार किया. HC का कहना है कि जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है, तो यहां अभी सुनवाई की जरूरत नहीं है.
भारतीय किसान यूनियन (दोआबा) के एमएस राय का कहना है कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से कोई नोटिस नहीं मिला है, जब मिलेगा तो सभी संगठन आपस में बैठकर चर्चा करेंगे.
We've not received any notice from SC. When we get a notice, all farmers' unions will hold a discussion&take a decision: MS Rai, Bhartiya Kisan Union, Doaba
— ANI (@ANI) December 17, 2020
SC has allowed impleadment of 8 farmer unions as respondents in petitions seeking removal of protestors from Delhi borders pic.twitter.com/faL45lk7fR
किसान आंदोलन के बीच सिंघु बॉर्डर पर आत्महत्या करने वाले बाबा राम सिंह का 18 दिसंबर को अंतिम संस्कार किया जाएगा. संतों का फैसला है कि उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर ने बाबा राम सिंह के निधन पर दुख व्यक्त किया है. उन्होंने ट्वीट किया कि संत बाबा रामसिंह जी का निधन संत समाज, देश, राज्य तथा मेरे लिए अपूरणीय क्षति है. यह अत्यंत दुख का क्षण है, बाबा जी की आत्मा, परमात्मा में विलीन हो. हम उनके दिखाए मानव-कल्याण के मार्ग पर चलने को संकल्पित हैं, यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
संत बाबा रामसिंह जी का निधन संत समाज, देश, राज्य तथा मेरे लिए अपूरणीय क्षति है। यह अत्यंत दुख का क्षण है, बाबा जी की आत्मा, परमात्मा में विलीन हो। हम उनके दिखाए मानव-कल्याण के मार्ग पर चलने को संकल्पित हैं, यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
— Manohar Lal (@mlkhattar) December 17, 2020
किसान आंदोलन के बीच केंद्र सरकार ने एक पुस्तिका जारी की है. इस पुस्तिका में मोदी सरकार का सिखों से कितना गहरा नाता रहा है, ये जताने की कोशिश की गई है. पुस्तिका का नाम है- 'पीएम मोदी और उनकी सरकार का सिखों के साथ विशेष संबंध.'
'सिखों के साथ मोदी सरकार का विशेष संबंध', किसान आंदोलन के बीच केंद्र ने जारी की बुकलेट
कृषि कानून: APMC एक्ट पर रार, वक्त-वक्त पर बदलता रहा है पार्टियों का रुख
कड़ाके की सर्दी में भी हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं. बीते दिन सिंघु बॉर्डर पर बाबा राम सिंह ने आत्महत्या कर ली, जिसके बाद माहौल गर्माया है. राहुल गांधी समेत अन्य नेताओं ने सरकार पर निशाना साधा है. आज भी किसानों का आंदोलन चलता रहेगा. दूसरी ओर बीजेपी किसान सम्मेलन के जरिए किसानों को साधने में जुटी है, बरेली में आज यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ किसानों को संबोधित करेंगे.
किसान आंदोलन को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने सरकार-किसान में समझौते के लिए कमेटी बनाने को कहा है, इस मसले पर केंद्र, पंजाब-हरियाणा सरकार और 8 किसान संगठनों को नोटिस भेजा गया. अब आगे की रूप-रेखा तय करने के लिए आज फिर अदालत में सुनवाई होनी है.
इन संगठनों को दिया गया नोटिस:
• Bharatiya Kisan Union (BKU – Rakesh Tikait)
• BKU-Sidhupur (Jagjeet S. Dallewal)
• BKU-Rajewal (Balbeer Singh Rajewal)
• BKU-Lakhowal (Harinder Singh Lakhowal)
• Jamhoori Kisan Sabha (Kulwant Singh Sandhu)
• BKU-Dakaunda (Buta Singh Burjgill)
• BKU – Doaba (Manjit Singh Rai)
• Kul Hind Kisan Federation (Prem Singh Bhangu)