कृषि कानूनों के मसले पर किसानों का आंदोलन जारी है. अब दिल्ली-यूपी का गाजीपुर बॉर्डर इसका केंद्र बन चुका है और हर किसी की नज़रें भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत पर टिक गई हैं. शुक्रवार को एक ऐसा नज़ारा सामने आया, जो काफी कम देखने को मिलता है. यहां प्रदर्शन स्थल पर राकेश टिकैत एक बुजुर्ग को अपने कंधे पर उठाते दिखे.
यहां राकेश टिकैत ने मजाकिया लहजे में कहा कि बुजुर्गों को गांवों से ही समर्थन करना चाहिए. इन बुजुर्ग को भी गांव में छोड़ा था, लेकिन फिर से आंदोलन में हिस्सा लेने आ गए.
किसान नेता राकेश टिकैत ने इस दौरान आजतक से खास बात की और चक्का जाम को लेकर जानकारी दी. टिकैत बोले कि शनिवार को होने वाला चक्का जाम सिर्फ गांवों में होगा, दिल्ली में इसका कुछ असर नहीं होगा.
‘क्या धरने पर बैठे किसान गलत हैं?’
आंदोलन को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि हमारा आंदोलन बिल्कुल शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा है, ऐसे में आगे जाकर सरकार से भी बात होगी. टिकैत ने कहा कि यहां पर 70 दिनों से लोग बैठे हैं, चर्चाएं भी हो रही हैं तो क्या यहां बैठने वाले सभी गलत हैं.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा किसानों को गुमराह करने के आरोपों पर राकेश टिकैत ने कहा कि क्या सरकार के जरिए किसी नेता पर आरोप लगाने में कोई कमी रही है? आज किसानों को आधे दाम पर अपनी फसल बेचनी पड़ रही है, क्या वह ही गलत है.
शुक्रवार को राज्यसभा में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कांग्रेस पर ‘खून से खेती’ करने का आरोप लगाया, इसपर राकेश टिकैत ने कहा कि विपक्ष का तो वही बताएंगे, मैंने राज्यसभा की बहस ही नहीं देखी है.
गौरतलब है कि शनिवार को किसान संगठनों द्वारा देशभर में चक्का जाम का ऐलान किया गया है, हालांकि दिल्ली-एनसीआर में इसका कोई असर नहीं होगा. किसानों द्वारा शनिवार को दोपहर 12 से तीन बजे तक चक्का जाम किया जाएगा.