कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है तो कांग्रेस भी इन कानूनों के खिलाफ लगातार मुखर हो रही है. कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि सरकार जबरदस्ती इन कृषि कानूनों को लेकर आई है लेकिन कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है.
आजतक के साथ खास बातचीत में सचिन पायलट ने कहा कि किसान अगर इस कानून से खुश होते तो ठंड में वे लाखों की संख्या में पिछले 3 महीने से क्यों बैठे हैं. अगर कृषि कानून से संसद में सभी दल संतुष्ट होते तो एनडीए के घटक दल उनका साथ क्यों छोड़कर जाते. दो सौ लोगों की शहादत हो गई है. पूरे देश में इसको लेकर आक्रोश है.
उन्होंने कहा कि बात बीजेपी-कांग्रेस की नहीं है. अन्नदाताओं की बात है. मुझे समझ नहीं आता कि सरकार की जिद क्या है. आप जिन किसानों की भलाई की बात कर रहे हैं, अगर वो मुखर होकर कह रहे हैं हमें ये कानून पसंद नहीं हैं. इस कानून को खत्म कराना चाहते हैं तो व्यक्तिगत आरोप लगाने की जगह सहानुभूति पूर्वक कार्रवाई करें और जो बिजली-पानी बंद कर रखा है. शौचालय हटा लिया है. सड़कों पर कील लगा रखा है. केस किए जा रहे हैं. इस प्रकार से राजनीति होती नहीं है.
सरकार ने जबरन कानून बनाएः पायलट
कांग्रेस नेता पायलट ने कहा कि कांग्रेस ने इसकी शुरुआत नहीं की. सरकार ने जबरदस्ती कानून बनाए हैं. कानून को खत्म करने के किसानों की मांग के साथ कांग्रेस खड़ी है. कांग्रेस ने यह कहा है कि हम उनका समर्थन करते हैं. आप 11-12 बार बात करते हैं और निर्णायक नहीं हो सकी है. आप बात कर सिर्फ उन्हें थकाने का काम कर रहे हैं.
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— AajTak (@aajtak) February 13, 2021
राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने यह भी कहा कि आज संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो कहा है उससे वह देश को समझा नहीं सकीं कि कानून से किसानों को फायदा क्या होगा. एमएसपी आप गारंटी नहीं कर रहे हो, स्टॉक सीमा खत्म कर रहे हो. छोटे किसान बिल्कुल आपात स्थिति में आ जाएगा. तो किसानों का भला नहीं कर पा रहे हो तो हानि तो मत करो.
कृषि कानून को लेकर बाहरी दबाव का जिक्र करते हुए सचिन पायलट ने कहा कि किसी ने कृषि बिल पर सरकार पर दबाव डाला है. क्या विवशताएं हैं कि आप उसे वापस नहीं ले पा रहे हैं. ऐसे में मुझे लगता है कि सरकार को जिद छोड़कर कृषि कानून वापस लेने चाहिए.