नागालैंड के दीमापुर में पुलिस ने एक व्यक्ति को फर्जी डॉक्टर के रूप में इलाज करते हुए गिरफ्तार किया है. आरोपी के पास न तो मेडिकल डिग्री थी और न ही कोई पंजीकरण. नगालैंड मेडिकल काउंसिल की शिकायत पर कार्रवाई हुई है. पुलिस ने जांच शुरू कर दी है कि उसने कितने मरीजों को गुमराह किया. वहीं, नागरिकों से योग्य डॉक्टर की पुष्टि करने की अपील की गई है.
दरअसल, पुलिस ने शुक्रवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि आरोपी के खिलाफ नगालैंड मेडिकल काउंसिल ने शिकायत दर्ज कराई थी. जांच में यह स्पष्ट हो गया कि आरोपी के पास न तो किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से चिकित्सा डिग्री है और न ही वह किसी भी राज्य मेडिकल काउंसिल में पंजीकृत है.
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दीमापुर के पुलिस आयुक्त ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि आरोपी कई मरीजों का इलाज कर चुका है और खुद को पेशेवर डॉक्टर बताकर वर्षों से जनता को गुमराह कर रहा था. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कानून की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है और यह जांच शुरू कर दी है कि उसने अब तक कितने मरीजों को नुकसान पहुंचाया है.
इस घटना के बाद दीमापुर पुलिस ने एक सार्वजनिक चेतावनी भी जारी की है जिसमें नागरिकों से अपील की गई है कि वे इलाज के लिए जाते समय संबंधित डॉक्टर की योग्यता और राज्य मेडिकल काउंसिल में पंजीकरण संख्या की जांच अवश्य करें. पुलिस ने यह भी कहा है कि बिना दस्तावेजों के इलाज करने वाले किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की जानकारी तुरंत पुलिस को दें.