फर्जी बाबाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लगाई गई थी. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एसए बोबड़े ने कहा कि कोर्ट इसमें क्या करेगा? इस पर याचिकाकर्ता वकील ने कहा कि अदालत सरकार को इस मामले में आदेश जारी करे. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने एक सूची तैयार की है.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिका का विरोध किया. वहीं, सीजेआई ने कहा कि हम सूची कैसे स्वीकार करें. सुप्रीम कोर्ट कानून से ऊपर नहीं है. केंद्र को लगता है कि आपकी मांग जायज है तो वह कदम बढ़ाएगा. आप सरकार के सामने अपनी बात रखें, हम ऐसे मामले पर कोई आदेश नहीं देंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर सुनवाई से इनकार किया, जिसमें ये मांग की गई थी कि जो फर्जी बाबा या फर्जी आध्यात्मिक गुरु है, उनके आश्रम को बंद किया जाए. सीजेआई एसए बोबड़े ने कहा कि कोर्ट कैसे तय करेगा कि ये बाबा फर्जी है या नहीं. याचिककर्ता ने अखिल भारतीय अखाड़ा की सूची पेश की, जिसमें उन्होंने फेक बाबाओं की सूची जारी की है.
सीजेआई एसए बोबड़े ने कहा कि ने कहा कि हम नहीं जानते कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद क्या है. हम किसी भी अखाड़ा का डिसरेस्पेक्ट नहीं कर रहे हैं, जो लिस्ट बनाई गई है, क्या उसमें बाबाओं के पक्ष सुना गया था? ये हम नहीं जानते. ये किसी क्रॉन्टेक्टर की सूची नही है कि उसे ब्लैक लिस्ट किया जाए.
याचिककर्ता ने राम रहीम का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे बाबाओं की सूची है जिसमें कई लोगो को दोषी और कई भगोड़े है. सीजेआई एसए बोबड़े ने कहा कि हम इस बाबत कुछ नहीं कर सकते. आप केंद्र सरकार को ज्ञापन दे वो इसे देखेंगे. इसके बाद याचिककर्ता ने याचिका वापस ली.