LAC पर चीन के साथ तनातनी के बीच सेना में कथित घोटाले की जानकारी सामने आई थी. इसमें मिलिट्री इंजीनियर सर्विस (MES) के नेतृत्व में निर्माण परियोजनाओं से जुड़ा कथित घोटाला और लद्दाख का नकली बिल रैकेट शामिल है. अब इस पूरे मामले को लेकर भारतीय सेना ने अहम फैसला लिया है. सेना ने जांच और जिम्मेदारी तय करने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को शामिल किया है.
सेना ने उत्तर प्रदेश के मेरठ में आर्मी मैरिड एकोमोडेशन प्रोजेक्ट की जांच सीबीआई को सौंप दी है. इसके अलावा उन निर्माणों की एक सूची बनाई जा रही है, जिसकी जिम्मेदारी MES के पास थी. सेना उन मामलों की जांच भी सीबीआई को सौंप सकती है.
बता दें कि मेरठ परियोजना में निर्माण में ही दिक्कत थी, जिसके कारण ऐसी स्थिति बनी जिससे इमारतों को ध्वस्त करना पड़ा. अन्य मामले जो संभवतः सीबीआई को सौंपे जाएंगे, उनमें लेह, बेंगलुरु, गुवाहाटी और अहमदनगर में एमईएस निर्माण परियोजनाओं की विभागीय पूछताछ में प्राप्त नकली बिल शामिल है.
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भ्रष्टाचार पर आक्रामक कार्रवाई की ये कोशिश सीडीएस जनरल बिपिन रावत द्वारा लिखे गए सितंबर में एक पत्र के बाद शुरू की गई. निर्माण विवाद सेना की चिंता का एक प्रमुख पहलू है, दूसरी वो जमीन हैं जिस पर ये निर्माण परियोजनाएं होती रही हैं.