लोकसभा में विपक्ष की नारेबाजी के बीच मंगलवार को रक्षा क्षेत्र से जुड़ा एक अहम बिल (अनिवार्य रक्षा सेवा विधेयक, 2021) पेश किया गया, जो बाद में पारित भी हो गया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस विधेयक को राष्ट्र की सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण बताया.
वहीं, विपक्ष की तरफ से इस बिल का विरोध किया गया. RSP के लोकसभा सांसद एनके रामचंद्रन ने कहा कि भारत सरकार ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का निजीकरण करना चाहती, ये बिल इसीलिए लाया जा रहा है. रामचंद्रन ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि इसका पूरा मकसद स्ट्राइक को रोकना है.
एनके रामचंद्रन के अलावा कांग्रेस के नेता सदन अधीर रंजन चौधरी ने भी इस बिल का विरोध किया. चौधरी ने कहा कि सदन ऑर्डर में नहीं है, ऐसे वक्त में इस तरह का महत्वपूर्ण बिल पास नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम हर बिल पर चर्चा चाहते हैं लेकिन चर्चा की शुरुआत पेगासस से होनी चाहिए.
सरकार ने किया बिल का बचाव
बिल पर विपक्ष की आपत्ति और आरोप पर सरकार की तरफ से जवाब भी दिया गया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में बताया कि यह बिल राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर लाया गया है. हथियार हों या अन्य रक्षा उपकरण, उनकी सप्लाई में किसी भी प्रकार की कोई बाधा न हो उसको ध्यान में रखकर ये बिल लाया गया है.
कर्मचारियों से जुड़े सवाल पर रक्षा मंत्री ने बताया कि जहां तक ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के कर्मचारियों की बात है, हमारी सभी यूनियनों से बातचीत हो चुकी है, अच्छे माहौल में बात हुई है. ये एक्ट तभी प्रभावी होगा जब इनवोक किया जाएगा, हो सकता है इसकी जरूरत ही न पड़े. यह केवल एक साल के लिए प्रभावी रहेगा.
वहीं, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट में सदन में बिल पेश करते हुए कहा कि किसी भी कर्मचारी या अधिकारी के हितों को प्रभावित करने का इस बिल में कोई नियम नहीं है. जितने मित्रों ने आपत्ति दी है, वो निराधार हैं, इस बिल में कहीं भी मूलभूत अधिकारों का हनन नहीं हो रहा है. इस तरह विपक्ष की नारेबाजी के बीच रक्षा क्षेत्र से जुड़ा ये अहम बिल लोकसभा से पारित हो गया.