तजाकिस्तान (Tajikistan) के दुशांबे (Dushanbe) में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक से इतर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ( FM S Jaishankar) ने चीनी समकक्ष वांग यी (Chinese FM Wang Yi) से मुलाकात की. इस दौरान दोनों देशों के बीच बॉर्डर (Border) के क्षेत्रों पर डिसइंगेजमेंट (disengagement) को लेकर चर्चा हुई. इस दौरान भारतीय विदेश मंत्री ने इशारों ही इशारों में पाकिस्तान (Pakistan) को लेकर चीन को बड़ी सीख दी. एस जयशंकर ने कहा, चीन को भारत के साथ अपने संबंधों को किसी तीसरे देश के नजरिए से नहीं देखना चाहिए.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर बताया कि SCO के इतर चीनी विदेश मंत्री से मुलाकात हुई. इस दौरान दोनों देशों के बीच डिसइंगेजमेंट को लेकर चर्चा हुई. साथ ही इस बात पर भी जोर दिया कि यह प्रक्रिया शांति बहाली के लिए कितनी जरूरी है. जो द्विपक्षीय संबंधों के विकास का आधार है.
वैश्विक मुद्दों पर भी हुई चर्चा
एस जयशंकर ने बताया कि इस दौरान वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा हुई. साथ ही भारत ने यह भी संदेश दिया कि वह सभ्यताओं के सिद्धांत के किसी भी टकराव में हिस्सा नहीं लेता. साथ ही भारत ने चीन को संदेश दिया कि यह भी जरूरी है कि उसे भारत के साथ संबंधों को किसी और देश के नजरिए से नहीं देखना चाहिए. भारतीय विदेश मंत्री ने कहा, जहां तक एशियाई एकजुटता का सवाल है, चीन और भारत को एक उदाहरण स्थापित करना है.
पीएम मोदी भी होंगे शामिल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एससीओ में हिस्सा लेंगे. वे SCO के 16वें सम्मेलन में वर्चुअली हिस्सा लेने वाले हैं. इस बार SCO की अगुवाई तजाकिस्तान कर रहा है. ये सम्मेलन 16 से 17 सितंबर के बीच तजाकिस्तान की राजधानी दुशांबे में आयोजित किया जा रहा है. SCO में कुल आठ देश शामिल हैं. इस लिस्ट में- तजाकिस्तान, कजाकिस्तान, उज़्बेकिस्तान, क्रिगिस्तान, भारत, पाकिस्तान, रूस, चीन शामिल हैं. इससे पहले भी SCO देश के विदेश मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मीटिंग कर चुके हैं. लेकिन अब जब खुद पीएम मोदी इसका हिस्सा बनेंगे तो इसके मायने काफी ज्यादा बढ़ जाते हैं.