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डॉक्टरों की हड़ताल जारी: कहीं ओपीडी ठप, कहीं इमरजेंसी में भी इलाज नहीं, मरीजों की बढ़ी परेशानी

Resident Doctors Strike : फोर्डा की ओर से अध्‍यक्ष डॉ मनीष ने नीट पीजी काउंसिलिंग में हो रही देरी को लेकर डीजीएचएस और स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मनसुख मंडाविया से भी मुलाकात की थी. Forda महासचिव डॉक्टर सुनील अरोड़ा ने बताया NEET PG की काउंसलिंग में देरी की वजह से नए रेजिडेंट डॉक्टर ज्वाइन नहीं कर पा रहे हैं. इस कारण मैन पॉवर की कमी हो रही है. समय का नुकसान हो रहा है .

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Resident Doctors Strike (PTI)
Resident Doctors Strike (PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • रेजीडेंट डॉक्‍टरों ने की हड़ताल, मरीजों को परेशानी
  • नीट काउंसिलिंग टाले जाने पर डॉक्‍टर हैं परेशान

Doctors strike Nationwide today: देशभर में आज कई अस्‍पतालों में हड़ताल (Doctors Strike today) रही. दिल्‍ली (Delhi) के प्रमुख अस्‍पतालों में भी हड़ताल का असर नजर आया. गुजरात (Gujarat) और राजस्‍थान (Rajasthan) में भी कई रेजीडेंट डॉक्‍टर हड़ताल पर रहे. दरअसल, डॉक्‍टरों ने ये हड़ताल फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्‍टर्स एसोसिएशन (Forda) के आह्रवान पर हड़ताल पर रहे. दरअसल, फोर्डा ने सोमवार को हड़ताल के लिए आह्रवान किया था. इसकी वजह यह रही थी नीट पीजी 2021 काउंसिंलिंग (Neet pg counselling) में देरी होना. 

राजधानी दिल्‍ली में सफदरजंग अस्पताल, राम मनोहर लोहिया अस्पताल, कलावती सरन अस्पताल, सुचेता कृपलानी अस्पताल, में हड़ताल का असर नजर आया. हालांकि एम्स, बाड़ा हिंदूराव अस्‍पताल और कस्तूरबा गांधी अस्पताल में नियमित मेडिकल सुविधाएं रहीं. वहीं दिल्‍ली सरकार के सरकारी अस्‍पताल जीटीबी अस्‍पताल, लोकनायक अस्‍पताल, संजय गांधी अस्‍पताल, अंबेडकर अस्‍पताल और दीनदायल अस्‍पताल में हड़ताल का आशिंक असर नजर आया.दरसअल, एक दिन पहले फोर्डा की ओर से अध्‍यक्ष डॉ मनीष ने नीट पीजी काउंसिलिंग में हो रही देरी को लेकर डीजीएचएस और स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मनसुख मंडाविया से भी मुलाकात की थी. वहीं Forda महासचिव डॉक्टर सुनील अरोड़ा ने बताया NEET PG की काउंसलिंग में देरी की वजह से रेजीडेंट डॉक्टर ज्वाइन नहीं कर पा रहे हैं. इस कारण मैन पॉवर की कमी हो रही है और समय का नुकसान हो रहा है.

वहीं आरएमल अस्‍पताल प्रशासन का इस मामले में एक बयान आया, जिसमें कहा गया कि जूनियर और रेजीडेंट डॉक्‍टर एडहॉक बेस पर लगे हुए हैं. उनको सूचित कर दिया गया है. वह हड़ताल जैसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं हो सकते हैं. अगर वे ऐसा करेंगे तो उनके खिलाफ अनुशासनात्‍मक कार्रवाई होगी. 

राजस्‍थान-गुजरात में में भी असर नजर आया 
राजस्‍थान के जयपुर, कोटा, उदयपुर, अजमेर, झालावाड़, बीकानेर और जोधपुर में भी हड़ताल का असर दिखा. इस दौरान ओपीडी सेवाएं बदहाल नजर आईं. इस दौरान सीनियर डॉक्‍टरों ने मरीजों के इलाज के लिए जिम्‍मा संभाला. जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्‍टर्स एसोसिएशन के डॉ अमित यादव ने बताया कि सरकार ने हमारी मांगों को लेकर सकारात्‍मक रुख नहीं दिखाया, मजबूरी में हमें हड़ताल पर जाना पड़ा. उन्‍होंने कहा कि फर्स्‍ट ईयर में  रेजीडेंट डॉक्‍टर इस समय मौजूद नहीं हैं, ऐसे में डॉक्‍टरों पर काफी बोझ पड़ रहा है. डॉक्‍टरों की पढ़ाई-लिखाई पर भी असर पड़ रहा है. वहीं डॉक्‍टर अपने प्रजेंटेशन और थीसिस भी जमा नहीं कर पा रहे हैं. 

गुजरात में आज करीब 1000 रेजीडेंट डॉक्‍टर डॉक्‍टर विभिन्‍न मेडिकल कॉलेज में हड़ताल पर रहे.इससे पहले गुजरात में 29 नवम्‍बर को भी ऐसी ही हड़ताल हुई थी. तब भी ओपीडी सेवा सुबह 9 बजे से शाम के 5 बजे के बीच प्रभावित रहीं थी. अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज के जूनियर्स डॉक्‍टर्स एसोसिएशन के  उपाध्‍यक्ष डॉ ओमान प्रजापति ने बताया कि चूंकि हमारे मांगे नहीं मानी गई, ऐसे में हमें हड़‍ताल पर जाना पड़ा. वह बोले डॉक्‍टर को मैन पॉवर की कमी का सामना करना पड़ रहा है. गुजराम में सूरत, वडोदरा जैसे प्रमुख शहरों में रेजीडेंट डॉक्‍टर हड़ताल पर रहे. दरअसल, नीट पीजी की काउंसिलिंग टाली जा रही हैं, इस कारण अब तक वे छात्र नहीं आ पाए हैं. 

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(एजेंसी इनपुट के साथ )

 

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