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औपनिवेशिक खुमारी है राजद्रोह, दिशा रवि पर लगाना पूरी तरह गलत- पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी

दिशा रवि की गिरफ्तारी पर टिप्पणी करते हुए मुकुल रोहतगी ने कहा, "राजद्रोह अंग्रेजों द्वारा दी गई एक औपनिवेशिक खुमारी है, जिसका मकसद था कि स्थानीय जनता ब्रिटिश सत्ता के खिलाफ न खड़ी हो जाए."

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दिल्ली की अदालत से सुनवाई के बाद जाती हुई दिशा रवि (फोटो- पीटीआई)
दिल्ली की अदालत से सुनवाई के बाद जाती हुई दिशा रवि (फोटो- पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 'संविधान ऐसे कदमों की इजाजत नहीं देता है'
  • 'राजद्रोह अंग्रेजी राज की देन है'
  • टूलकिट मामले दिशा रवि पर चल रहा है केस

पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि पर लगाए गए राजद्रोह के आरोपों को भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने गलत बताया है. उन्होंने कहा है कि राजद्रोह का चार्ज लगाना एक औपनिवेशिक रोग है, जिसको इजाद अंग्रेजों ने किया था ताकि स्थानीय जनता ब्रिटिश सत्ता के खिलाफ बगावत न कर दे. 

बता दें कि दिल्ली पुलिस ने बीते दिनों दिशा रवि को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था. दिल्ली पुलिस ने कहा था कि दिशा रवि ने अन्य लोगों के साथ मिलकर टूलकिट तैयार किया था और इसे क्लाईमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग के साथ शेयर किया था. इस टूलकिट के जरिए लोगों को सरकार के खिलाफ भड़काने की साजिश की जा रही थी. इस केस में दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि पर राजद्रोह का मुकदमा लगाया था. 

हालांकि बाद में दिल्ली की एक अदालत ने दिशा रवि को जमानत दे दी थी. अदालत ने कहा था कि नागरिक एक लोकतांत्रिक देश में सरकार पर नजर रखते हैं. सिर्फ इसलिए कि वो राज्य सत्ता की नीतियों से असहमत हैं, उन्हें जेल में नहीं रखा जा सकता है. अदालत के अनुसार राजद्रोह का आरोप इसलिए नहीं लगाया जा सकता कि सरकार को उससे चोट पहुंची है.

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अब इस मामले में पूर्व एटर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने भी कहा है कि दिशा रवि पर देशद्रोह का केस लगाना लगत है. अंग्रेजी वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक जब उनसे पूछा गया कि जिस तरह सरकार और अदालतें प्रदर्शनकारियों के साथ रवैया अपना रही हैं वो चिंता की बात है?  

इस पर उन्होंने कहा कि इस मामले का सामान्यीकरण नहीं किया जा सकता है. लेकिन जहां तक दिशा रवि केस की बात है तो इस मामले में राजद्रोह का चार्ज लगाना पूरी तरह से गलत था. मुकुल रोहतगी ने कहा, "राजद्रोह अंग्रेजों द्वारा दी गई एक औपनिवेशिक खुमारी है, जिसका मकसद था कि स्थानीय जनता ब्रिटिश सत्ता के खिलाफ न खड़ी हो जाए. राजद्रोह का मतलब है हिंसा का आह्वान, हथियार उठाने की पुकार, या फिर एक सरकार को उखाड़ फेंकने की रणनीति."

मुकुल रोहतगी ने कहा कि लेकिन इस केस में ऐसा कुछ भी नहीं है, वह एक पर्यावरण कार्यकर्ता है, ऐसा साबित करने के लिए कुछ भी नहीं है कि इसमें हिंसा के लिए लोगों से आह्वान किया गया था. आगे उन्होंने कहा, "मुझे लगता है ये ट्रिगर हैप्पी पुलिस थी, यानी कि जल्दबाजी में काम कर रही थी, सामान्य सी बात यह है कि असहमति, अभिव्यक्ति की आजादी को इन तरीकों के इस्तेमाल से कुचलना निश्चित रूप से संविधान द्वारा अधिकृत नहीं है." बता दें कि दिशा रवि अभी टूलकिट केस में जमानत पर हैं. 

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