नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने स्पाइसजेट (SpiceJet) पर दस लाख का जुर्माना लगाया है. जानकारी के मुताबिक डीजीसीए ने स्पाइसजेट पर बोइंग 737 मैक्स विमान के पायलटों को एक ख़राब सिम्युलेटर पर प्रशिक्षण देने के लिए 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. इस मामले में DGCA ने स्पाइसजेट को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था. जिसमें उन्होंने बताया कि एयरलाइन द्वारा भेजी गई प्रतिक्रिया संतोषजनक नहीं पाई गई.
दरअसल, डीजीसीए ने अप्रैल में स्पाइसजेट के 90 पायलटों को मैक्स विमान के संचालन से रोक दिया था, क्योंकि उन्हें एक सिम्युलेटर पर प्रशिक्षित किया गया था, जिसमें सह-पायलट के पक्ष में इसका स्टिक शेकर निष्क्रिय था. स्टिक शेकर, जब भी पता चलता है कि विमान हवा के बीच में रुका हुआ है तो पायलटों को चेतावनी देता है.
ऐसे में कहा गया कि एयरलाइन द्वारा दिया जा रहा प्रशिक्षण उड़ान सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है, जिसको देखते हुए इसे रद्द कर दिया गया है. इसलिए, डीजीसीए ने स्पाइसजेट पर अपने मैक्स विमान के पायलटों को प्रशिक्षित करने के लिए एक खराब सिम्युलेटर का उपयोग करने के लिए 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
बताया जा रहा है कि एयरलाइन ने इस मामले पर कोई जवाब नहीं दिया है.
DGCA ने 13 मार्च, 2019 को भारत में बोइंग 737 मैक्स विमानों को रोक दिया था. जिसके तीन दिन बाद इथियोपियाई एयरलाइंस 737 मैक्स विमान अदीस अबाबा के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें चार भारतीयों सहित 157 लोग मारे गए.
विमानों पर से प्रतिबंध पिछले साल अगस्त में हटा लिया गया था, जब डीजीसीए अमेरिका स्थित विमान निर्माता बोइंग के विमान में आवश्यक सॉफ्टवेयर सुधारों से संतुष्ट था. 27 महीने की अवधि के बाद मैक्स विमानों पर से प्रतिबंध हटाने के लिए डीजीसीए द्वारा निर्धारित शर्तों में सिम्युलेटर पर उचित पायलट प्रशिक्षण भी शामिल था.
स्पाइसजेट एकमात्र भारतीय एयरलाइन है जिसके बेड़े में मैक्स विमान शामिल है.बता दें कि नई एयरलाइन Akasa Air ने पिछले साल नवंबर में बोइंग के साथ 72 मैक्स विमानों की खरीद के लिए एक समझौते पर साइन किए थे. Akasa Air को अभी तक इनमें से कोई भी विमान नहीं मिला है.