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दिल्ली: जंगपुरा में अतिक्रमण पर गरज रहा बुलडोजर... हटाई जाएंगी मद्रासी कैंप की 370 झुग्गियां

DDA ने जंगपुरा इलाके में स्थित मद्रासी कैंप में अवैध निर्माण को ध्वस्त करना शुरू कर दिया है. साथ ही प्रशासन ने स्थानीय निवासियों के विरोध से निपटने के इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है.

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जंगपुरा के मद्रासी कैंप पर चलाया गया बुलडोजर
जंगपुरा के मद्रासी कैंप पर चलाया गया बुलडोजर

दिल्ली के जंगपुरा इलाके स्थित मद्रासी कैंप में अवैध निर्माण पर प्रशासन का बुलडोजर एक्शन शुरू हो गया है. ये कार्रवाई दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में बारापुला नाले को अवरुद्ध से मुक्त करने और मानसून से पहले जलभराव की समस्या से बचने के लिए की जा रही है. कार्रवाई के दौरान इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है, जिसमें दंगा नियंत्रण वाहन (Riot Control Vehicles), रैपिड एक्शन फोर्स (RAF), और अन्य सुरक्षा बल शामिल हैं.

मद्रासी कैंप इलाके में 370 झुग्गी-झोपड़ियां और बस्ती हैं जो 60 सालों से यहां रह रहे हैं. 370 में से 189 झुग्गियों में रहने वाले दिल्ली स्लम एंड झुग्गी झोपड़ी पुनर्वास और पुनर्स्थापन नीति 2015 के तहत पुनर्वास के लिए पात्र माना गया है. पात्र परिवारों को दिल्ली के बाहरी इलाके नरेला में फ्लैट आवंटित किए गए हैं जो यहां से लगभग 40 किलोमीटर दूर है.

कार्रवाई से पहले चस्पा किए नोटिस

शुक्रवार को अधिकारियों द्वारा निवासियों को जारी नोटिस में कहा गया कि शुक्रवार रात 11 बजे से बारापुला पुल पर ट्रक खड़े रहेंगे जो उनके सामान को आवंटित फ्लैटों तक पहुंचाने में सहायता करेंगे.

दिल्ली HC ने दिया आदेश

दरअसल, बीते महीने 9 मई को दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि बारापुला नाले की सफाई शहर के आसपास के क्षेत्रों में मानसून के दौरान जलभराव को रोकने के लिए बहुत जरूरी है.

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कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि मद्रासी कैंप के निवासी सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण करने वाले हैं और उन्हें पुनर्वास के अधिकार के अलावा कोई अन्य अधिकार प्राप्त नहीं है. कोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA), नगर निगम (MCD), दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (DUSIB), और लोक निर्माण विभाग (PWD) को 10 से 12 मई तक दो शिविर आयोजित करने का निर्देश दिया था, जिसमें नरेला में फ्लैटों के लिए कब्जा पत्र सौंपे गए और 1.12 लाख रुपये के ऋण की सुविधा प्रदान की गई. हालांकि, निवासियों ने नरेला में आवंटित फ्लैटों की स्थिति को लेकर चिंता जताई है.

खराब हालत में नरेला फ्लैट: निवासी

कई निवासियों का कहना है कि नरेला में बिजली, पानी, और खिड़कियों जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी है और वहां के फ्लैटों में दरवाजे टूटे हुए हैं. इसके अलावा, जंगपुरा से नरेला की दूरी (लगभग 40 किमी) के कारण उनकी आजीविका पर भी असर पड़ रहा है.  शिविर के निवासी मुरुगन ने दावा किया, 'लगभग 300 परिवारों में से केवल 189 को ही फ्लैट आवंटित किए गए हैं. हमें जो फ्लैट दिए जा रहे हैं वे भी अधूरे हैं और उनकी हालत भी खराब है.'

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