अमरनाथ यात्रा पर इस साल आतंकियों की ओर से स्टिकी बम (Sticky Bomb) के इस्तेमाल करने की आशंका जताई जा रही है. 30 जून से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा पर इस नए खतरे को लेकर सीआरपीएफ की ओर से नई एसओपी जारी की गई है. जिसमें कहा गया है कि सुरक्षा बल और श्रद्धालु अपनी गाड़ियों अलग-थलग न छोड़ें और जहां भी रुकें नजर जरूर बनाए रखें.
सूत्रों ने बताया है कि स्टिकी बम (Sticky Bomb) से निपटने के लिए सुरक्षा एजेंसियां काफी एहतियात बरत रही हैं। हाल ही के कुछ दिनों में जांच एजेंसियों ने कई आतंकियों के यहां से स्टिकी बम बरामद किए हैं. सूत्रों ने ये बताया कि जम्मू कश्मीर में आतंकियों के पास भारी संख्या में स्टिकी बम पहुंच चुका है.
पिछले महीने कटरा से जम्मू जा रही एक बस पर हमले में भी स्टिकी बम (Sticky Bomb) के इस्तेमाल की आशंका जताई जा रही है, जिसकी जांच के लिए NIA की भी टीम गई थी. इन्हीं सब बातों को देखते हुये 30 जून से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर सुरक्षा एजेंसिया अलर्ट पर हैं और अपनी SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रॉसिजर) में बदलाव भी किया है.
स्टिकी बम (Sticky Bomb) क्या है और कैसे बना रहे हैं आतंकी
सूत्रों ने बताया है कि आतंकी और उनके आका पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में पाकिस्तान के रिटायर्ड अधिकारियों की सह पर स्टिकी बम बना रहे हैं साथ ही कुछ आतंकी ऑनलाइन वीडियो के जरिए भी तकनीकी का इस्तेमाल कर रहे हैं.
जानकारी यह भी है कि अलग अलग तरीके के स्टिकी बम बनाने के लिए जुगाड़ तकनीक का भी इस्तेमाल आतंकी कर रहे हैं और इनको मैग्नेटिक प्लेट के जरिए जोड़ा जा रहा है. यह बम एक तरीके का चिपकने वाला बम है जो कि गाड़ियों या किसी लोहे या मैग्नेटिक वस्तु की ओर फेंके जाने पर उससे चिपक जाता है और दूर से ही रिमोट के जरिए या टाइमर सेट करके इसमें ब्लास्ट किया जा सकता है.
स्टिकी बम को मैग्नेटिक बम भी कहते हैं, ऐसे बम बनाने के लिए IED को असेम्बल किया जाता है और उसमें मैग्नेटिक का टुकड़ा लगाकर गाड़ियों या लोहे की किसी वस्तु में चिपकाया जा सकता है. इसके बाद इसे कहीं दूर बैठकर या टाइमर सेट करके ब्लास्ट किया जा सकता हैॉ. स्टिकी बम को आतंकी ज्यादातर फ्यूल टैंक के पास चिपकाते है जिससे ब्लास्ट होने ज्यादा नुकसान हो.
अब तक 96 ढेर
इस साल सुरक्षा बलों ने अब तक 96 आतंकियों को अलग-अलग ऑपरेशन में ढेर किया है. जिसमे से 30 आतंकी पाकिस्तानी हैं. सुरक्षा बलों के सूत्रों ने बताया कि इस समय आतंकियों के खिलाफ अग्रेसिव ऑपरेशन किये जा रहे हैं. ऑपरेशन ऑल आउट के तहत चलाये जा रहे इस ऑपरेशन में सुरक्षाबल इस समय अपर हैंड है. लेकिन आतंकी संगठन अभी भी घुसपैठ और भोले-भाले युवाओ का ब्रेनवाश कर रिक्रूट करने की फ़िराक में हैं.
सूत्रों ने जानकारी दी है कि कश्मीर घाटी में अब भी लगभग 158 के आसपास विभिन्न आतंकी मौजूद हैं. इसमें सबसे ज्यादा आतंकी लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी हैं. जिनकी संख्या 83 बताई जा रही है. वहीं जैश के 30 और हिजबुल मुजाहिदीन के 38 आतंकी कश्मीर घाटी में मौजूद हैं. पिछले कुछ दिनों की अगर बात करें तो सुरक्षाबलों ने ताबड़तोड़ ऑपरेशन आतंकियों के खिलाफ किया है.
आज तक के हाथ जो ख़ुफ़िया जानकारी लगी है उसके मुताबिक लश्कर, जैश और अफगानी आतंकियों के सैकड़ों आतंकियों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और आर्मी ने ट्रेंड कर उरी के पास मौजूद आधा दर्जन लॉन्चिंग पैड पर इकट्ठा कर इनको पहाड़ी रास्तों के जरिए कश्मीर घाटी में घुसपैठ करा सकते हैं.