सुप्रीम कोर्ट में आज कोरोना के नेशनल प्लान को लेकर सुनवाई होगी. कोरोना के बढ़ते ग्राफ और मरीजों को होने वाली परेशानियों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था और केंद्र को नोटिस जारी कर कोरोना से निपटने के लिए नेशनल प्लान मांगा था. इसी मसले पर जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़, जस्टिस एल. नागेश्वर राव और जस्टिस एस. रविंद्र भट की बेंच सुनवाई करेगी.
कोर्ट ने इस मामले में वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया था. हालांकि, हरीश साल्वे ने खुद को केस से अलग करने की अनुमति मांगी थी. जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें केस से हटने की अनुमति दे दी थी.
इन 4 मुद्दों पर मांगा है नेशनल प्लान
1. ऑक्सीजन की सप्लाईः राजधानी दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की जान जा रही है.
2. दवाओं की सप्लाईः कोरोना के इलाज में काम आने वाली जरूरी दवाओं की कमी भी हर राज्य में लगभग बनी ही हुई है.
3. वैक्सीन देने का तरीकाः 1 मई से वैक्सीनेशन का तीसरा फेज शुरू होगा. लेकिन वैक्सीन की किल्लत भी होने लगी है.
4. लॉकडाउन लगाने का अधिकारः सुप्रीम कोर्ट ने कहा है लॉकडाउन का अधिकार राज्य सरकार के पास हो, कोर्ट के पास नहीं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, देश में इमरजेंसी जैसे हालात
कोरोना संक्रमण से बिगड़ते हालात को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था. पूर्व चीफ जस्टिस एसए बोबड़े की अध्यक्षता में बेंच ने सुनवाई की थी और केंद्र को नोटिस जारी किया था. उस दिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, देश में इस वक्त नेशनल इमरजेंसी जैसे हालात पैदा हो गए हैं. क्योंकि अब पूर्व चीफ जस्टिस एसए बोबड़े 24 अप्रैल को रिटायर हो चुके हैं. इसलिए उनकी जगह जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़ इस बेंच में शामिल हो गए हैं.
वेदांता की याचिका पर भी सुनवाई
इस मामले के अलावा मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में वेदांता की याचिका पर भी सुनवाई होनी है. वेदांता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर तमिलनाडु के तूतीकोरिन स्थित स्टरलाइट प्लांट को ऑक्सीजन प्रोडक्शन के लिए दोबारा खोलने की अनुमति मांगी है. प्लांट को 2018 में पर्यावरण नियमों के उल्लंघन पर बंद कर दिया गया था.