मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का उद्देश्य सभी कमियों को दूर करना है, लेकिन कुछ दल इस पर भ्रामक प्रचार कर रहे हैं और चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर राजनीति कर रहे हैं. इस पर विपक्ष की प्रतिक्रिया सामने आई है. कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने CEC पर निशान साधते हुए कहा कि हम किसी वोटर के कंधे पर बंदूक रखकर राजनीति नहीं कर रहे, बल्कि पीएम मोदी आपके नाजुक कंधों पर बंदूक रखकर लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं.
पवन खेड़ा ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार गुप्ता ने आज जो प्रेस कॉन्फ्रेंस की, उसे सुनकर ऐसा लगा कि बीजेपी की स्क्रिप्ट हो. साथ ही कहा कि राहुल गांधी ने जो प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, उसमें तमाम पॉइंट्स रखे, जो फैक्ट हमने मुहैया कराए, वो 6 महीने की कड़ी मशक्क्त के बाद चुनाव आयोग से ही मिले थे. चुनाव आयोग ने महादेवपुरा विधानसभा चुनाव को लेकर कुछ नहीं कहा.
पवन खेड़ा ने कहा कि आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में CEC ज्ञानेश कुमार गुप्ता ने फरमाया कि 'तो क्या हुआ अगर एक ही व्यक्ति कई जगह वोटर लिस्ट में दर्ज है, वोट तो फिर भी एक ही बार डालेगा'. अब हमारा सीधा सवाल है कि क्या गुप्ताजी (CEC) यही दलील अदालत में शपथपत्र पर लिखकर देने को तैयार हैं?
कांग्रेस नेता ने कहा कि चुनाव आयोग ने कुछ लोगों को 'मृत' घोषित कर दिया था, जिनके साथ राहुल गांधी ने चाय पी, लेकिन चुनाव आयोग को शर्म नहीं आई. साथ ही कहा कि अगर सीसीटीवी फुटेज अगर निजता भंग करती है, तो रिकॉर्ड क्यों की जाती है. उन्होंने CEC को लेकर कहा कि अब आपकी उम्र बीजेपी के एजेंट बनने की नहीं है. साथ ही कहा कि आप कितने ही चुनाव की चोरी कर लीजिए, लेकिन जल्द ही नई सरकार आएगी.
वहीं, TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने भी चुनाव आयोग पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त का कहना है कि बिहार में 22 लाख 'मृत मतदाता' पिछले 6 महीनों में नहीं, बल्कि पिछले कई सालों में मरे हैं. हालांकि इसे रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया गया. महुआ ने कहा कि ऐसा है तो फिर निष्पक्ष चुनाव में बाधा डालने के लिए पिछले वर्षों के सभी चुनाव आयोग अधिकारियों और मुख्य चुनाव आयुक्तों को जेल जाना चाहिए, आप भी इसमें शामिल हैं.