महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव में बीजेपी की हार के बाद एनसीपी नेता छगन भुजबल ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने राज्य में हार के लिए अजित पवार पर ठीकरा नहीं फोड़ने की बात की है.
छगन भुजबल ने कहा कि महाराष्ट्र में चुनावी नतीजों के लिए बीजेपी अजित पवार को दोष नहीं दें. बीजेपी उत्तर प्रदेश में भी हारी हैं. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में एनसीपी को 48 सीटों में से सिर्फ चार सीटें दी गईं. इन चार सीटों में से भी दो सीटों पर शिंदे गुट के लोगों को चुनावी मैदान में उतारा गया. रायगढ़ और बारामती की इन दो सीटों में से हमने एक सीट जीती.
भुजबल ने कहा कि बीजेपी दूसरे राज्यों में भी हारी है, जैसे उत्तर प्रदेश. किसी ने नहीं सोचा था कि बीजेपी को उत्तर प्रदेश में इतनी कम सीटें मिलेंगी. इसलिए अजित पवार गुट को दोष देना सही नहीं है.
एनसीपी पर उठ रहे हैं सवाल
महाराष्ट्र में एनडीए के खराब प्रदर्शन पर एनसीपी पर सवाल उठ रहे हैं. आरएसएस के माउथ पीस ऑर्गनाइजर में कुछ दिन पहले एक लेख में लिखा था कि अजित पवार की एनसीपी को एनडीए में शामिल करने से महाराष्ट्र में नुकसान हुआ.
ये लेख आरएसएस नेता रतन शारदा ने लिखा था. उन्होंने चुनावों में बीजेपी की अंडरपरफॉर्मेंस के लिए अनावश्यक राजनीति को एक कारण बताया गया. इस आलेख में कहा गया था कि महाराष्ट्र अनावश्यक राजनीति का एक प्रमुख उदाहरण है. इसके बाद रतन शारदा ने इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में कहा था कि महाराष्ट्र में सरकार सुरक्षित थी, फिर एनसीपी के साथ गठबंधन क्यों हुआ? अजित पवार अच्छे नेता हैं, लेकिन वोट ट्रांसफर नहीं हुए.
महाराष्ट्र में ऐसे रहे नतीजे
महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों के लिए बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट) और अजित पवार की एनसीपी ने मिलकर चुनाव लड़ा था. हालांकि, 2019 की तुलना में इस बार महाराष्ट्र में एनडीए को काफी नुकसान हुआ है. तीनों पार्टियां मिलकर सिर्फ 19 सीटें ही जीत सकी. इनमें बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुटे) ने 9-9 और अजित पवार की एनसीपी ने 1 सीट पर जीत हासिल की.
दूसरी ओर, इंडिया ब्लॉक ने 28 सीटें जीतीं. कांग्रेस ने 13, शरद पवार की एनसीपी ने 8 और शिवसेना (ठाकरे गुट) ने 7 सीटें जीतीं. एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की है.