कौशल विकास कार्यक्रम घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू को न्यायिक हिरासत में भेजते हुए विजयवाड़ा की एक विशेष अदालत ने रविवार को कहा कि लोक सेवक के रूप में अपने पद पर रहते हुए नायडू ने अन्य आरोपियों के साथ मिलीभगत की और धन का दुरुपयोग किया. भ्रष्ट और अवैध तरीकों से सरकारी खजाने को 279 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ.
अदालत ने कहा कि रिकॉर्ड में मौजूद सामग्री से पता चलता है कि नायडू आपराधिक साजिश में शामिल हैं. विजयवाड़ा में एसीबी मामलों के विशेष न्यायाधीश ने कहा है कि प्रथम दृष्टया शेल कंपनियों के अन्य आरोपियों के साथ नायडू की सांठगांठ की पुष्टि करने के लिए पर्याप्त सामग्री है.
अदालत ने यह भी कहा कि प्रथम दृष्टया पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात, जालसाजी, आपराधिक साजिश, लोक सेवक के रूप में कार्यालय के आपराधिक दुरुपयोग से जुड़े भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराधों के लिए मामला बनता है. अदालत के अनुसार, निम्नलिखित को ध्यान में रखते हुए नायडू को न्यायिक हिरासत में भेजने के उचित आधार हैं.
न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया कि एपी राज्य विधान सभा के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव और जीएडी के सचिव को नायडू की गिरफ्तारी के बारे में सूचित किया जाए.
अदालत ने दर्ज किया कि अधीक्षक, जिला जेल, विजयवाड़ा ने अदालत को बताया कि जिला जेल, विजयवाड़ा में हाई प्रोफाइल आरोपी व्यक्तियों को रखने के लिए पर्याप्त सुरक्षा सुविधाएं नहीं हैं. दरअसल, नायडू एनएसजी की जेड प्लस सुरक्षा वाले व्यक्तियों की श्रेणी में आते हैं. अदालत ने उन्हें केंद्रीय कारागार, राजामहेंद्रवरम भेजने का निर्देश दिया है जो हाई प्रोफाइल आरोपी व्यक्तियों के सुरक्षा मुद्दों को लेकर बेहतर है.