
देश में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार अब सख्त हो रही है. साथ ही आने वाले समय के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूत करने के लिए कमर भी कस रही है. शनिवार को केंद्र ने राज्यों को देश में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार की जांच करने के लिए एडवाइज़री जारी की. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर, कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए उपाय करने के निर्देश दिए हैं.
सभी राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में, स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों को अस्थायी अस्पताल स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू करने और मामलों की निगरानी के लिए कंट्रोल रूम बनाने की सलाह दी है. साथ ही, जिला/उप-जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित करने और कोविड डेडिकेटेड हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्टर की समीक्षा करने की सलाह दी गई है.
Union Health Secretary Rajesh Bhushan writes to chief secretaries of all States/UTs on measures to deal with a possible surge in COVID cases; advises them to initiate process of setting up makeshift hospitals & constitute special teams to monitor patients in home isolation pic.twitter.com/NNWJiLsmon
— ANI (@ANI) January 1, 2022
पत्र में कहा गया है कि मामलों में अचानक तेजी आई है, इससे हो सकते है कि आने वाले समय में हेल्थ केयर इंफ्रास्ट्रक्टर में परेशानियां आ सकती है. इसके लिए अस्थायी अस्पतालों को फील्ड स्तर पर बनाया जाना चाहिए .साथ ही, जिला स्तर पर सर्विलेंस सक्रिय किया जाना चाहिए.

31 दिसंबर को, भारत में कोविड के 16,764 केस सामने आए जो पिछले 70 दिनों के मुकाबले सबसे ज़्यादा मामले थे. शुक्रवार को, राजेश भूषण और आईसीएमआर प्रमुख बलराम भार्गव ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अलग-अलग जगहों पर, चौबीसों घंटे रैपिड एंटीजन टेस्ट बूथ स्थापित करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही, चिकित्सा और पैरामेडिकल स्टाफ को शामिल करने और हल्के सिम्टम वाले व्यक्तियों के लिए होम टेस्ट किट का इस्तमाल करने को प्रोत्साहित करने के लिए कहा.