देशभर में ब्लैक फंगस के मामले बढ़ते जा रहे हैं और कोरोना मरीजों की जान ले रहे हैं. राजस्थान के बीकानेर से सबसे अधिक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां डेढ़ साल के एक बच्चे में ब्लैक फ़ंगस की पुष्टि हुई है. बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में बच्चे का इलाज किया जा रहा है. बच्चा पहले से ही ब्लड कैंसर जैसी बीमारी से पीड़ित है.
राजस्थान के बूंदी जिले में भी मेडिकल की दुकान चलाने वाले हंसराज की ब्लैक फंगस से जान चली गई है. हंसराज पंचाल लेसरदा कस्बे में मेडिकल की दुकान चलाते हैं. पंचाल को पहले कोरोना हुआ था फिर ब्लैक फंगस ने जकड़ लिया. कुछ दिन वे खुद ही दवा खाते रहे. फिर कस्बे के डॉक्टर का सहारा लिया. लेकिन फिर मर्ज बिगड़ा तो जयपुर के निजी अस्पताल पहुंचे. इलाज में सात लाख खर्च हो गए. और जब पाई-पाई को मोहताज हो गए तो सरकारी अस्पताल एसएमएस पहुंचे, लेकिन पंचाल की जान नहीं बच सकी.
जोधपुर के एमडीएम अस्पताल में भी इन दिनों गहमागहमी तेज हो गई है. जब से ब्लैक फंगस ने पांव पसारे हैं, अस्पताल पर मरीजों का लोड बढ़ता जा रहा है, अब तक 44 मरीज यहां भर्ती हो चुके हैं, जिनमें तीन मरीजों की जिंदगी नहीं बचाई जा सकी. 5 मरीजों को इस बीमारी से आंख गंवानी पड़ी है. कुछ मरीजों के जबड़े भी निकाले गए हैं. जोधपुर एम्स की बात करें तो वहां ब्लैक फंगस के 80 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं.
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यूपी के कानपुर में भी ब्लैक फंगस के केस बढ़ रहे हैं. शहर के फार्चून हॉस्पिटल में अब तक ब्लैक फंगस के 15 मरीज भर्ती हो चुके है, जिनमें सात गंभीर मरीजों का ऑपरेशन किया गया है. राहत वाली बात ये है कि सभी मरीज ठीक हैं. कानपुर के हैलेट अस्पताल में एक दिन पहले ही ब्लैक फंगस से एक मौत हो चुकी है. यूपी में ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों ने सरकार को चिंतित कर दिया है. पश्चिमी यूपी में ब्लैक फंगस महामारी तेजी से पांव पसार रही है.
हापुड़ में ब्लैक फंगस के दो और नए मरीज पाए गए हैं. इससे मरीजों की संख्या बढ़कर 5 हो गई है. ब्लैक फंगस के पांचों मरीज मेरठ के LLRM अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं. अगर पंजाब की बात करें तो फाजिल्का जिले में ब्लैक फंगस के तीन मामले सामने आए हैं जिनमें से एक मरीज की मौत हो गई. फरीदकोट में एक महिला समेत ब्लैक फंगस के 6 मरीजों की पुष्टि हुई है, इनमें तीन कोरोना संक्रमित भी हैं. (आजतक ब्यूरो)