योगी सरकार ने रविवार को ही गन्ने पर समर्थन मूल्य को 325 रुपये से बढ़ाकर 350 रुपये करने का फैसला लिया है. लेकिन इस बात से किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) खुश नहीं हैं. उन्होंने इस फैसले पर नाखुशी जाहिर करते हुए बताया कि इन लोगों ने चुनाव में 450 रुपये एमएसपी देने का वादा किया था.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने रविवार को ही बीजेपी के किसान सम्मेलन (Kisan Sammelan) में गन्ने का समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने का ऐलान किया था. उन्होंने कहा था कि अब तक गन्ने का समर्थन मूल्य 325 रुपये था, जिसे अब बढ़ाकर 350 रुपये किया जा रहा है. उनका दावा था कि इससे गन्ना किसानों की आय में 8% की बढ़ोतरी होगी. साथ ही ये भी दावा है कि इस फैसले का असर 45 लाख किसानों को होगा.
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हालांकि, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने इस फैसले पर नाखुशी जाहिर की है. उन्होंने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा, 'उन्होंने (योगी आदित्यनाथ) ने घोषणापत्र में गन्ने का समर्थन मूल्य 375 रुपये से बढ़ाकर 450 रुपये करने का वादा किया था. फिर भी उन्होंने केवल 25 रुपये ही बढ़ाए. उन्हें इस नुकसान का हिसाब देना चाहिए.' उन्होंने कहा कि ये सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है. टिकैत ने ये भी दावा किया कि किसानों की फसलें एमएसपी की दरों पर नहीं बिक रही है.
सोमवार को ही किसान संगठनों ने तीनों कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में भारत बंद (Bharat Bandh) बुलाया है. ये भारत बंद सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक रहेगा. इसे आम आदमी पार्टी, बसपा, कांग्रेस समेत कई राजनीतिक पार्टियों ने भी समर्थन दिया है. भारत बंद का असर कई राज्यों में देखने को मिला है.
यूपी के मंत्री बोले- 85% तक भुगतान हुआ
सोमवार को यूपी सरकार में शुगरकेन डेवलपमेंट मिनिस्टर सुरेश राणा ने बताया कि गन्ना किसानों को 85% तक का भुगतान कर दिया गया है. हालांकि, अब भी गन्ना किसानों का 4,900 करोड़ रुपये बकाया है. उन्होंने कहा कि गन्ने के मूल्य में 25 रुपये की बढ़ोतरी की गई, जिससे गन्ना किसानों को 4 हजार करोड़ रुपये का फायदा होगा. 98% किसानों को इसका सीधा फायदा मिलेगा. उन्होंने ये भी दावा किया कि पिछली सरकारों में 21 चीनी मिलों को बेच दिया गया और 30 मिलों को बंद कर दिया गया था. उन्होंने दावा किया कि कोरोनाकाल में महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान में चीनी मिलें बंद हो गईं, पर यूपी में नहीं हुईं.
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