कर्नाटक के भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने दावा किया है कि मैसूर नगर निगम ने वोडियार राजा की मूर्ति बनाने वाले अरुण योगीराज को भुगतान नहीं किया है. विधायक का दावा है कि नगर पालिका पर उनके 12 लाख रुपये बकाया हैं.
8 साल में नहीं किया भुगतान: बीजेपी नेता
बीजेपी नेता ने यह जानकारी सोशल मीडिया हैंडल पर दी है. उन्होंने अपने ट्वीट में राज्य सरकार पर हमला करते हुए लिखा कि साल 2016 में अरुण योगीराज ने श्री जयचामा राजेंद्र वोडियार की मूर्ति बनाई थी, लेकिन 8 साल होने के बावजूद भी मैसूर नगर निगम उन्हें भुगतान नहीं रही है. यह एक मूर्तिकार के साथ-साथ मैसूर को रोशन करने वाले यदुवंश राजा का भी अपमान है.
करनी होगी जांच: नगर निगम
वहीं, बीजेपी नेता के इन आरोपों का खंडन करते हुए मैसूर नगर निगन ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है और अगर ऐसा है तो जांच करनी होगी.
कौन हैं जयचामराजेंद्र वाडियार
जयचामराजेंद्र वाडियार मैसूर के अंतिम महाराजा शासक थे, जिन्होंने 1940 से 1950 तक शासन किया और बाद में 1964 से 1966 तक मद्रास के राज्यपाल के रूप में भी कार्य किया. वाडियार अपने चाचा महाराजा कृष्णराज वाडियार चतुर्थ के आकस्मिक निधन के बाद गद्दी पर बैठे थे. राजा के रूप में उनका शासनकाल 1940 में यूरोप में द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत के दौरान शुरू हुआ और 1947 में उनके राज्य को भारत के डोमिनियन में विलय के साथ समाप्त हुआ, लेकिन 1950 में भारत के गणतंत्र में संविधान बनने तक महाराजा के रूप उन्होंने काम किया.
कौन हैं अरुण योगीराज
अरुण योगीराज कर्नाटक राज्य के मैसूर शहर के मूर्तिकारों की पांच पीढ़ियों से चले आ रहे परिवार से ताल्लुक रखते हैं. अरुण के पिता योगीराज और दादा बसवन्ना शिल्पी भी प्रसिद्ध मूर्तिकार हैं. अरुण ने एमबीए किया और एक निजी कंपनी में काम किया. लेकिन 2008 से वह पूर्णकालिक मूर्तिकार बन गए. बता दें कि उन्होंने ही रामलला की मूर्ति का गढ़ा है.