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BJP ने तीन राज्यों में CM तो चुन लिया लेकिन कैबिनेट के लिए क्या सोचा है?

छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्यप्रदेश में बीजेपी कैबिनेट का गठन कैसे करने वाली है, मध्य प्रदेश के अध्यक्ष से हटने के बाद क्या कमलनाथ की राजनीति पर फुल स्टॉप लग गया है, भारत की शादियों में कितना ख़र्चा होता है और क्या विदेश में डिस्टिनेश वेडिंग करना सस्ता है? सुनिए 'आज का दिन' में.

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मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार करने की कवायद तेज हो गई है. तीनों ही राज्यों के मुख्यमंत्री अपने उपमुख्यमंत्रियों के साथ कल दिल्ली पहुंचे, सेंट्रल लीडरशप के साथ बैठक हुई. बताया जा रहा है कि चार महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनावों को देखते हुए इन राज्यों में मंत्रिमंडल में जातीय और क्षेत्रीय समीकरण को साधने की कोशिश होगी, वहीं नए चेहरों और पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं के बीच भी बैलेंस बनाने की कोशिश की जाएगी. तीनों राज्यों के नए मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री ने नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की. भीतरखाने क्या बातें हुई, मंत्रीमंडल बनाने के फ़ैसला मुख्यमंत्री का होता है, ऐसे में सभी सीएम का दिल्ली चर्चा के लिए जाना, क्या ये बतलाता है कि, डिसीज़न मेकिंग पावर सेंट्रल लीडरशिप के पास ही रहने वाला है? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.

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जहां एक ओर भाजपा मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल बनाने की तैयारी कर रही है, तो वहीं कांग्रेस संगठने में बड़े बदलाव कर रही है. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस में बड़ा फेरबदल हुए हैं. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चीफ कमलनाथ की जगह पर अब जीतू पटवारी  को प्रदेश अध्यक्ष की कमान दी गई है, जबकि आदिवासी नेता उमंग सिंगार विपक्ष के नेता होंगे. खास बात ये है कि कांग्रेस ने भी राज्य में नई लीडरशिप सोशल इंजीनयरिंग को ध्यान में रख कर नियुक्त किया है. इस विधानसभा में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था. जहां बीजेपी को 163 सीटें मिली तो वहीं कांग्रेस बस 66 सीटों पर सिमट कर रह गई, पार्टी नए चेहरे के साथ किस प्लान के साथ आगे बढ़ने वाली है और अब कमलनाथ का क्या? क्या उन्हें दिल्ली बुलाया जाएगा या उनकी राजनीति पर फुल स्टॉप लग गया है? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिनों पहले देश की जनता से ये अपील की थी कि जो लोग देश के बाहर शादी करने जाते हैं, डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए उन्हें भारत में ही रहकर शादी करनी चाहिए, इसके लिए वेड इन इंडिया का जुमला दिया गया. भारत में शादी कितनी बड़ी बात है कि राजस्थान में चुनाव की तारीख उसी दिन ज़्यादा शादी होने की वजह से बदल दी गई थी. इस ख़ास दिन लोग ख़र्च भी खुल कर करते हैं. भारत में वेडिंग इंडस्ट्री की गिनती पांच सबसे बड़ी इंडस्ट्री में होती है, वो भी तब जब ये पूरी तरह ऑर्गनाइज़ड नहीं है. Confederation of All India Traders का आंकड़ा कहता है कि भारत में साल 2023 में लगभग 38 लाख शादियां हुई हैं, कुछ बाकी भी हैं. इन शादियों में 4.74 लाख करोड़ रुपयों का बिज़नेस हुआ है. ये पैसे किस मद में ख़र्च किए जाते हैं, विदेशों में जाकर शादी करने वालों की संख्या कितनी होगी और क्या विदेश में शादी करना कम ख़र्चिला है, देश में डेस्टिनेशन वेडिंग करने के मुक़ाबले? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.

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