पश्चिम बंगाल इस वक्त देशभर में बीरभूम हिंसा (birbhum violence) की वजह से चर्चा में है. इसे सांप्रदायिक तनाव की तरह भी पेश करने की कोशिश हुई है, जबकि वहां ऐसा नहीं था. भादू शेख, अनारुल हुसैन इस हिंसा के मुख्य किरदार हैं जिनको बारे में हम आपको यहां बताएंगे.
सबसे पहले आपको बता दें कि बीरभूम में हुई हिंसा का मामला अब हाईकोर्ट की तरफ से सीबीआई को सौंप दिया गया है. अनारुल हुसैन जो कि ममता बनर्जी की पार्टी TMC के ही नेता हैं, उनको अरेस्ट कर लिया गया है. इसके साथ-साथ रामपुरहाट के थाना प्रभारी त्रिदीप प्रमाणिक को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं 20 अन्य आरोपी भी गिरफ्तार किये गए हैं.
बीरभूम में हिंसा क्यों हुई? भादू शेख कौन है?
बीरभूम में हिंसा की शुरुआत कैसे हुई यह साफ तौर पर अबतक सामने नहीं आया है. लेकिन कहा जा रहा है कि सब टीएमसी के पंचायत नेता भादू शेख (Bhadu Sheikh) की मौत के बाद हुआ. उसे सोमवार को बाइकसवार बदमाशों ने मार दिया था.

इस हत्या के बाद ही सोना शेख, मिहिलाल शेख, फातिक शेख और बनिरुल शेख के घरों को आग के हवाले किया गया. ये सभी भादू शेख के दूर के रिश्तेदार बताए गए हैं. माना जा रहा है कि इस हिंसा को भादू शेख की मौत का बदला लेने के लिए अंजाम दिया गया था.
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Bhadu Sheikh बीरभूम के रामपुरहाट स्थित बागतुई (Bogtui) गांव का रहने वाला था. बागतुई गांव में दो मोहल्ले पड़ते हैं. इसमें पूर्बपरा और पश्चिमपरा शामिल है. Bhadu Sheikh खुद पश्चिमपरा में रहता था. लेकिन उसके कुछ रिश्तेदार जिसमें सोना शेख, मिहिलाल शेख और बनिरुल शेख शामिल थे वे पूर्बपरा में रहते थे. शेख की हत्या के बाद इन्हीं लोगों के घर जलाए गए.
भादू शेख पहले कांग्रेस पार्टी का हिस्सा थे और फिर बाद में TMC से जुड़ गए थे. उनपर कई लोगों ने भ्रष्ट होने का भी आरोप लगाया है. कहा गया है कि देखते ही देखते वह रामपुरहाट का बड़ा नाम हो गए थे. भादू शेख के बढ़ते कद और भ्रष्टाचार में उनके लिप्त होने की वजह से कई रिश्तेदार भी उनके खिलाफ थे. भादू शेख के भाई बाबर शेख का 2021 में ही मर्डर भी हो गया था.

अब 21 मार्च को भादू शेख को बाइक सवार बदमाशों ने बम से उड़ा दिया. उस वक्त शेख अपने बॉडीगार्ड्स से कुछ दूरी पर थे. इसके बाद 21 मार्च की रात को ही पूरबपारा में लोगों का एक झुंड आया और उसने कुछ घरों पर देसी बम फेंक दिये. इसमें 10 घर जले और उनके अंदर मौजूद 8 लोगों की मौत हो गई वहीं 3 जख्मी हो गए.
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इस आगजनी में सोना शेख और फातिक शेख के भी घर जले. इसमें सोना शेख के घर से सात शव मिले, वहीं फातिक शेख की बीवी की भी इसमें मौत हो गई. फिलहाल वे दोनों फरार हैं. उनको शेख की हत्या में आरोपी बनाया गया है. सोना और फातिक कभी भादू शेख के दोस्त हुआ करते थे. लेकिन बाद में भादू शेख से अलग हो गए. यानी अबतक मामला पूरी तरह आपसी रंजिश का लग रहा है. वहीं भादू शेख की पत्नी का आरोप है कि लोगों ने खुद अपने घरों को आग लगाई और पुलिस ने गलत लोगों को पकड़ लिया है.
अनारुल हुसैन कौन हैं?
अनारुल हुसैन बगतुई गांव के टीएमसी ब्लॉक प्रेसिडेंट हैं. पीड़ितों ने कथित तौर पर सीएम ममता बनर्जी से हुसैन की शिकायत की थी. कहा गया था कि आगजनी के दौरान और उससे पहले भी स्थानीय लोगों ने अनारुल से फोन करके मदद मांगी थी. लेकिन उन्होंने ना ही मदद की और ना ही पुलिस को वक्त पर सूचित किया. इसलिए उनको गिरफ्तार किया गया है.
अनारुल हुसैन भी पहले कांग्रेस में थे. फिर तृणमूल कांग्रेस के गठन के वक्त वह टीएमसी में आ गए. कहा जाता है कि विधानसभा डेप्युटी स्पीकर और बीरभूम से विधायक आशीष बनर्जी से हुसैन के निकट संबंध हैं.