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भीमा कोरेगांव केस: फादर स्‍टेन स्‍वामी के स्‍ट्रॉ और सिपर के दावे को NIA ने किया खारिज

नेशनल इंवेस्टिगेटिव एजेंसी ने एक बयान के जरिए कहा है कि फादर स्टेन स्वामी ने अपने स्ट्रॉ और सिपर के बारे में जो दावे किए हैं, वे झूठे और गलत हैं. 

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फादर स्टेन स्वामी के दावे को NIA ने किया खारिज
फादर स्टेन स्वामी के दावे को NIA ने किया खारिज
स्टोरी हाइलाइट्स
  • फादर स्‍टेन स्‍वामी ने स्ट्रॉ और सिपर को लेकर किया था दावा
  • NIA ने किया खारिज किया स्‍टेन स्‍वामी का दावा
  • NIA ने कहा- तलाशी में नहीं मिला स्ट्रॉ और सिपर

नेशनल इंवेस्टिगेटिव एजेंसी (NIA) ने एक बयान के जरिए कहा है कि फादर स्टेन स्वामी ने अपने स्ट्रॉ और सिपर के बारे में जो दावे किए हैं, वे झूठे और गलत हैं. पार्किंसन की बीमारी से पीड़ित 83 वर्षीय कार्यकर्ता स्टेन स्वामी ने अदालत के समक्ष एक अर्जी दायर की थी कि उनके स्ट्रॉ और सिपर को एनआईए द्वारा वापस कर दिया जाए.

जांच एजेंसी के अनुसार, NIA द्वारा आवास पर तलाशी के दौरान ऐसा कोई भी स्ट्रॉ और सिपर नहीं मिला है. स्वामी को 8 अक्टूबर, 2020 को सीपीआई (माओवादी) की गतिविधियों में कथित रूप से शामिल होने और प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन के एजेंडे को आगे बढ़ाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

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बता दें कि यह मामला 31 दिसंबर, 2017 को पुणे के शनिवारवाड़ा में एल्गर परिषद के कार्यक्रम के दौरान भड़काऊ भाषणों और भीमा कोरेगांव के पास जान-माल के नुकसान के कारण व्यापक हिंसा, आगजनी और पथराव से संबंधित है. स्टेन स्वामी को गिरफ्तार करने के बाद, NIA ने 10 अक्टूबर, 2020 को चार्जशीट के साथ मुंबई की विशेष अदालत के समक्ष उसे पेश किया. फादर स्टेन स्वामी तलोजा सेंट्रल जेल में न्यायिक हिरासत में हैं. लगभग एक महीने के बाद, 6 नवंबर, 2020 को, आरोपी स्टेन स्वामी ने अपने स्ट्रॉ और सिपर को वापस पाने के लिए मुंबई में एनआईए कोर्ट में एक आवेदन दायर किया. 

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एनआईए ने 26 नवंबर, 2020 को अदालत में अपना जवाब दाखिल किया, जिसमें कहा गया कि एनआईए ने स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में अपनी व्यक्तिगत खोज की थी और ऐसा कोई स्ट्रॉ और सिपर नहीं मिला था. न्यायालय ने स्वामी के आवेदन को खारिज कर दिया और 26 नवंबर, 2020 को जेल अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी किया.
 

 

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