मणिपुर में जातीय हिंसा को लेकर संसद के मॉनसून सत्र में गतिरोध जारी है. इसी बीच केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने विपक्षी दलों से ''हाथ जोड़कर'' अपील की है कि वह इस मुद्दे पर ससंद में बहस करें. साथ ही उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्य में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मुद्दे पर विपक्ष राजनीति न करे.
मणिपुर के हालात पर विपक्षी दलों ने सोमवार को संसद में संयुक्त विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है. वे इस मुद्दे पर चर्चा शुरू करने से पहले संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बयान की मांग कर रहे हैं. वहीं, सरकार इस बात पर जोर दे रही है कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नहीं बल्कि गृह मंत्री अमित शाह जवाब देंगे.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचार दर्दनाक हैं, चाहे पीड़ित किसी भी राज्य से हों. ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाना राज्य की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं पर अत्याचार के मुद्दे पर चर्चा करने की इच्छुक है, जो राजस्थान, बिहार, पश्चिम बंगाल और मणिपुर जैसे राज्यों में घट रही हैं.
बीजेपी नेता ने कहा कि हम चाहते हैं कि सदन में इस पर अच्छी चर्चा हो, जिसमें सभी राजनीतिक दल भाग लें. किसी को भी बहस से भागना नहीं चाहिए. मेरा विपक्ष से हाथ जोड़कर अनुरोध है कि वे चर्चा से न भागें. उन्होंने कहा कि विपक्ष को ऐसे मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए और संसद में चर्चा में शामिल होना चाहिए.
मणिपुर मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर ठाकुर ने कहा कि विपक्ष चर्चा में बने रहने के लिए यह सब करता है, लेकिन चर्चा में शामिल होने के लिए कुछ नहीं करता है.