गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को नई दिल्ली में गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व को लेकर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की. उन्होंने कहा कि देश में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जो गुरु तेग बहादुर के बलिदान से अभिभूत ना हो. सबके मन में गुरु तेग बहादुर के प्रति अनन्य भाव है. अमित शाह ने कहा कि गुरु तेग बहादुर ने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए बलिदान दिया.
उन्होंने कहा कि जब कश्मीरी पंडितों ने गुरु तेग बहादुर के सामने अपने ऊपर हुए अत्याचारों की बात रखी तब उन्होंने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया. अमित शाह ने कहा कि सिर कलम करने वाले इतिहास में खो गए लेकिन 400 साल बाद भी करोड़ों लोग गुरु तेग बहादुर के बलिदान को नमन करते हैं. उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर और गुरु गोविंद सिंह के बलिदान के कारण ही आज देश इतना आगे बढ़ रहा है. स्वतंत्रता की सांस ले रहा है और 75वें स्वतंत्रता पर्व को मना रहा है.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हम सब, पूरा देश महान सिख गुरुओं का ऋणी है. उन्होंने कहा कि न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया 400 साल के बाद भी सम्मान, श्रद्धा और भक्ति के साथ उनके कार्यों, जीवन और संदेशों को नमन करती है. अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी देश के सबसे सौभाग्यशाली प्रधानमंत्री हैं क्योंकि उनके कार्यकाल में ही गुरुनानक देव का 550वां प्रकाश पर्व, गुरु तेग बहादुर का 400वां प्रकाश पर्व और गुरु गोविंद सिंह का 350वां प्रकाश पर्व मनाने का मौका आया. पीएम मोदी ने ये तीनों प्रकाश पर्व पूरे भक्तिभाव से मनाकर न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया में महान सिख गुरुओं के बलिदान, समानता और वीरता के संदेश को उजागर किया.
उन्होंने कहा कि देश की आजादी के 75वें साल में हमने उसी लाल किले के मैदान में बैठकर गुरु साहब की वाणी सुनी है जहां से कभी गुरु साहब के बलिदान का फतवा जारी हुआ था. अमित शाह ने गुरु साहब के जीवन को प्रेरक और अनुकरणीय बताते हुए उनके जीवन पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि इस देश पर उनके बड़े उपकार हैं.
पीएम मोदी जारी करेंगे डाक टिकट
गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डाक टिकट और स्मारक सिक्का जारी करेंगे. पीएम मोदी, गुरु तेग बहादुर के जीवन पर आधारित गद्य और कविता की पुस्तक का भी विमोचन करेंगे. अंग्रेजी, हिंदी और पंजाबी भाषा में बच्चों के लिए कॉमिक का भी शुभारंभ होगा. इस अवसर पर शिक्षा मंत्रालय की ओर से निबंध प्रतियोगिता भी आयोजित की गई थी जिसमें करीब 85 हजार स्कूलों के 18 लाख छात्रों ने भाग लिया था.