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'गृह मंत्री के घर मणिपुर से आए नेताओं के जूते उतरवाए गए, जबकि शाह खुद चप्पल पहने हुए थे', संसद में राहुल गांधी के आरोप

राहुल गांधी ने कहा कि मणिपुर से आए प्रतिनिधमंडल से अमित शाह के घर जूते उतरवा लिए गए थे. इस पर अब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने ट्विटर के जरिए राहुल गांधी पर पलटवार किया है.

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कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को घेरा.
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को घेरा.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • राहुल गांधी ने मोदी सरकार को सामंती सोच की सरकार बताया
  • कांग्रेस नेता ने कहा कि केंद्र सरकार बिना संवाद और सलाह के काम कर रही

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर बुधवार को आरोप लगाया कि वह सामंती मानसिकता के साथ शासन करके देश को कमजोर कर रही है. राहुल ने लोकसभा में एक उदाहरण देते हुए मणिपुर के नेताओं के जूते उतरवाने का वाकया सुनाया. उन्होंने आरोप लगाया कि गृह मंत्री अमित शाह ने अपने घर के बाहर जूते उतरवाकर पूर्वोत्तर के नेताओं का अपमान किया. उधर, इसको लेकर अब बीजेपी ने कांग्रेस नेता पर हमला बोलना शुरू कर दिया है. 

दरअसल, बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह संवाद की भावना के बिना शहंशाह के हुक्म से शासन चला रही है. इस दौरान उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर हमला बोलते हुए एक वाकया सुनाया. 

राहुल गांधी के मुताबिक, कुछ दिन पहले एक राजनीतिक दल के नेता मणिपुर से आए थे और वे काफी गुस्से में नजर आ रहे थे. मैंने उनसे पूछा कि आप गुस्से में क्यों हैं? तो उन्होंने कहा कि मेरी कभी इतनी बेइज्जती नहीं हुई है, जितनी गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद हुई है. दरअसल, राहुल को बताया गया कि मणिपुर राज्य के कई वरिष्ठ राजनेता नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली स्थित उनके बंगले पर मुलाकात करने आया था, जहां उनसे बाहर ही जूते-चप्पल उतरवाए लिए गए, लेकिन कमरे के अंदर गृह मंत्री चप्पलें पहनकर बैठे हुए थे. 

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राहुल ने सदन में पूछा कि आखिर क्यों गृह मंत्री अपने घर में चप्पल पहनकर घूम सकते हैं और बाहर से आए लोगों को बाहर ही जूते उतरवा दिए जाते हैं. उन्होंने कहा कि जब मुझे इस बात पर विश्वास नहीं हुआ, तो मणिपुर के उसी नेता ने मुझे उस मीटिंग की एक फोटो भी दिखाई. 

पीयूष गोयल भड़क उठे

इस पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अपना विरोध दर्ज कराया और कहा कि कांग्रेस सांसद भारत की परंपराओं  और संस्कृति पर हमला कर रहे हैं. इसके जवाब में गांधी ने कहा कि संस्कृति यह नहीं कहती कि घर का सदस्य जूते पहनकर बैठे और मेहमान जूते उतारे. देश के लोगों के साथ ऐसा बर्ताव ठीक नहीं है.

हिमंत बिस्व सरमा ने कसा तंज

वहीं, पूर्वोत्तर राज्य असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने ट्विटर के जरिए राहुल गांधी पर पलटवार किया. सीएम सरमा ने लिखा कि राहुल गांधी जी, जो लोग असम के नेताओं से मुलाकात के दौरान अपने कुत्तों को बिस्किट खिलाते हैं और फिर वही बिस्किट उन नेताओं को देते हैं, उन्हें राजनीतिक शालीनता के बारे में सबसे आखिरी में बात करनी चाहिए. कांग्रेस आलाकमान की मानसिकता के बारे में भारत की जनता अच्छी तरह जानती है.

क्या है सीएम सरमा की कहानी

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बता दें कि असम विधानसभा चुनाव 2016 से पहले हिमंत बिस्व सरमा ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वॉइन कर ली थी. अपने कई सारे इंटरव्यू में हिमंत बिस्व सरमा ने राहुल गांधी पर उनकी बात न सुनने का आरोप लगाया था. हिमंत ने कहा था कि राहुल गांधी नौकर-मालिक के रिश्ते पसंद करते हैं और जब हम उनसे असम के मुद्दे पर बात करना चाह रहे थे, तो वे अपने कुत्ते को बिस्किट खिलाने में व्यस्त थे.  

राहुल गांधी तुरंत माफी मांगें 

उधर, न्यायपालिका और चुनाव आयोग को लेकर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी राहुल पर पलटवार किया. रिजिजू ने ट्वीट किया कि न केवल भारत के कानून मंत्री के तौर पर, बल्कि एक आम नागरिक के रूप में भी मैं राहुल गांधी के बयान की निंदा करता हूं. राहुल गांधी ने भारत की न्यायपालिका और चुनाव आयोग के बारे में जो कुछ भी कहा है, वह गलत है. राहुल को तुरंत माफी मांगनी चाहिए.  

बता दें कि राहुल गांधी ने लोकसभा में दिए अपने भाषण में  कहा कि  मोदी सरकार ने न्यायपालिका, चुनाव आयोग और पेगासस स्पाईवेयर को लोगों की आवाज दबाने का साधना बना लिया है.   

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वायनाड सांसद ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भारत को लेकर केंद्र सरकार का विचार संविधान अनुरूप नहीं है. भारत राज्यों का संघ है न कि एक राष्ट्र. सम्राट अशोक ने भी राज्यों के संघ के रूप में भारत पर शासन किया, जिसमें संवाद और साझेदारी शामिल थी. लेकिन इस शासन की सोच सामंतवादी है, जिसे हमने 1947 में उखाड़ फेंक दिया था. 

देश की संस्थाओं पर एक विचारधारा का कब्जा

उन्होंने अपने करीब पौन घंटे के भाषण में कहा कि आप भारत के लोगों को दबाकर राज नहीं कर सकते है. इस देश के हर राज्य में अलग संस्कृति, भाषा और परंपराएं हैं, सरकार को इतिहास की जानकारी होनी चाहिए. राहुल ने  आरोप लगाया कि देश की संस्थाओं पर एक विचारधारा का कब्जा होता जा रहा है इसीलिए किसी की सुनी नहीं जा रही है. 

देश में दो हिंदुस्तान बन गए हैं

इससे पहले सदन में अपने भाषण की शुरुआत में राहुल गांधी ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में देश की तमाम रणनीतिक चुनौतियों का जिक्र नहीं किया. उनके भाषण में गरीबी और बेरोजगारी की कोई चर्चा तक नहीं थी. देश में दो हिंदुस्तान बन गए हैं- एक गरीब हिंदुस्तान और दूसरा अमीर. 

डबल-A वैरिएंट फैल रहा

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गांधी ने कहा कि कोरोना के डेल्टा और ओमिक्रॉन वैरिएंट की तरह ही देश की अर्थव्यवस्था में डबल-ए (A-A) वैरिएंट की मोनोपॉली यानी एकाधिकार फैल रहा है. उन्होंने अडानी का नाम लिए बगैर कहा कि केंद्र सरकार ने एक उद्योगपति को एयरपोर्ट, बंदरगाह, खदानें, हरित ऊर्जा, गैस वितरण इत्यादि सौंप दिया है, तो दूसरे (अंबानी) को प्रट्रोकेमिकल, टेलीकॉम, रिटेल ई कॉमर्स दे दिया है. राहुल का आरोप है कि इन दो अरबपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार ने नोटबंदी और जीएसटी के जरिए असंगठित क्षेत्र के रोजगार को खत्म कर दिया है.

'नेता अच्छे, आप गलत पार्टी में हैं'

वहीं, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चल रही चर्चा के दौरान भाजपा की तरफ से हरीश द्विवेदी के बाद दूसरे वक्ता के रूप में बोलते हुए यूपी के बांसगांव से सांसद कमलेश पासवान ने मोदी-योगी सरकार की उपलब्धियों को गिनाया. इसके बाद बोलने खड़े हुए विपक्षी राहुल गांधी ने यूपी में दलितों की हालत और इतिहास का जिक्र करते हुए पासवान से कहा कि वह एक अच्छे दलित नेता हैं लेकिन गलत पार्टी में हैं. अपनी बारी आते ही कमलेश पासवान ने इस पर जवाब दिया, आपकी दादी की नीति क्या रही है, आपके पिताजी की नीति क्या रही है, सब जानते हैं. कांग्रेसी नीति रही है- फूट डालो और राज करो. भाजपा ने मुझे बहुत कुछ दिया है, 3 बार सांसद बनाया है और इनकी पार्टी ( कांग्रेस ) की यह हैसियत नहीं है कि वह उन्हें खुश कर सके. 

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