विश्व का सबसे बड़ा मंदिर शक्तिपीठ अंबाजी है, जहां भक्त सोने का दान दे रहे हैं. इस मंदिर को 140 किलो सोने से तैयार किया जा रहा है, जो 111 फीट ऊंचा होगा. अभी तक यह मंदिर 61 फीट तक बन चुका है.
यह मंदिर गुजरात और राजस्थान की सीमा पर अरावली पर्वतमाला की पहाड़ियों पर है. अंबाजी के पास से सरस्वती नदी निकलती है. मंदिर पर 358 छोटे-बड़े सोने के कलश लगे हुए हैं. अंबाजी के पास गब्बर पहाड़ी के चारों ओर 51 शक्तिपीठ बनाए गए हैं ,जहां भक्त चार घंटे चलकर सारे शक्तिपीठ के दर्शन कर सकते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में इसका लोकार्पण किया था.
अंबाजी मंदिर 1200 साल पुराना है. यह मंदिर मार्बल के पत्थरों से बना हुआ है. पिछले 12 दिनों में लाखों रुपए का सोना दान किया गया है, जिसमें धोलका तहसील के बदरखा गांव के भक्त ने एक किलो सोना दान दिया था, जिसकी कीमत करीब 62 लाख रुपए है.
वहीं, 21 नवंबर को एक किलो सोने का एक बिस्किट मंदिर को भेंट स्वरूप दिया गया था. वडोदरा के परम डेवलपर्स की ओर से 11 लाख रुपए का चेक स्वर्ण शिखर बनाने के लिए 22 नवंबर को दिया गया था.
अंबाजी मंदिर में 6 लाख रुपए की कीमत के सोने के गहने मंदिर ट्रस्ट में एक भक्त ने 22 नवंबर को दान में दिए थे. अंबाजी मंदिर में एक भक्त की ओर से 181 ग्राम सोने की चीज स्वर्ण शिखर के लिए भेंट दी गई ,जिसकी कीमत 10 लाख 16 हजार रुपये है.
गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने अंबाजी मंदिर का विकास किया था. मुख्यमंत्री के तौर पर नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि में नरेंद्र मोदी अक्सर अंबाजी मंदिर में दर्शन करने और पूजा करने आते थे. प्रधानमंत्री बनने के बाद भी नरेंद्र मोदी अंबाजी में दर्शन करने आते हैं.
इनपुट- शक्तिसिंह राजपूत